सार
लोग मंदिर में भगवान के बाद किसी और को सम्मान व इज्जत देते है तो वो होते है वहां के पंडित और पुजारी। लेकिन राजस्थान में एक पुजारी ने की ऐसी हरकत की सम्मान की जगह मिले लोगों के लात और घूसे जाने पूरा मामला..
अलवर. विश्व में सबसे पवित्र मानी जाने वाली जगहों की बात की जाए तो मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च का नाम आता है। जहां लोग अपने कर्मों की माफी मागने जाते है लेकिन राजस्थान में एक पुजारी ने मंदिर जैसी पवित्र जगह में ऐसी हरकत की सभी लोग शर्मिंदा होने के साथ भड़क भी गए और आरोपी को सबक सिखाया। दरअसल राजस्थान के अलवर जिले में एक मंदिर के बुजुर्ग पुजारी द्वारा एक पांच साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी पुजारी सुनील उर्फ सुन्ना ने पीड़िता को मंदिर में ले जाकर ये नीच हरकत की। जिसके चिल्लाने की आवाज सुनी तो मां को घटना की जानकारी हुई। बाद में जब लोगों को पता चला तो इकट्ठा हुई भीड़ ने पुजारी की जमकर पिटाई कर दी। पीड़िता की मां ने पुलिस थाने में पुजारी के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच अभी जारी है।
ये है मामला
पीड़िता की मां ने बीती शाम को पुलिस थाने में पुजारी सुनील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए बताया कि आरोपी उसकी बेटी को बहला फुसलाकर मंदिर ले गया। जहां उसने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। जब पीड़िता चिल्लाई तो आवाज सुनकर मै उस तरफ दौड़ते हए गई। वहां देखा तो पुजारी मेरी बेटी के साथ गंदी हरकत कर रहा था। मैने शोर मचाया तो नजदीकी लोग भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने आरोपी की जमकर पिटाई कर दी। जिसमें उसके सिर पर चोट आई। सूचना पर पुलिस ने आरोपी को पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
देर रात एसपी ने लिया जायजा
पुजारी द्वारा मासूम के साथ बलात्कार की सूचना पर एसपी तेजस्वनी गौतम में देर रात घटना स्थल पहुंची। जिन्होंने मौका मुआयना कर पीड़िता की मां व आसपास के लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। एसपी गौतम ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल कराया गया है। वहीं आरोपी को गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पुजारी की हरकत से गांववालों में हैरानी
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी पुजारी सुनील उर्फ सुन्ना राजगढ़ के बहाली गांव का निवासी है। जो अविवाहित है। वह कई सालों से गांव के मंदिर में पुजारी का काम कर रहा था। इस दौरान वह कभी कभार ही गांव जाता था। ज्यादातर समय उसका मंदिर में ही बीतता था। कोई सोच भी नहीं सकता था कि बुजुर्ग अवस्था मे वह इस तरह की नीच हरकत भी कर सकता है।