सार
पिछले दिनों राजस्थान में मचा सियासी घमासान फिलहाल थम गया है। लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद फिर एक बार राजनीतिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी। क्योंकि कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट को गुजरात जीतने का टारगेट दिया गया है। जो जितनी सीटें जिताएगा वही अगला मुख्यमंत्री होगा।
जयपुर. राजस्थान में बीते दिनों हुए सियासी घमासान का शोर कुछ हद तक शांत हो चुका है। आलाकमान ने अब सचिन पायलट और अशोक गहलोत की खेमेबाजी खत्म करने के लिए रास्ता भी निकाल लिया है। राजस्थान की राजनीति गुजरात तय करेगी। गुजरात में दोनों नेताओं में जो बढ़िया काम करेगा उससे ही राजस्थान में अब 1 साल से भी कम समय के लिए बचे कांग्रेस के शासन में मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
गुजरात चुनाव से तैयार होगा पायलट-गहलोत का रिपोर्ट कार्ड
गौरतलब है कि गुजरात में आगामी कुछ दिनों में चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान ने राजस्थान से सचिन पायलट और अशोक गहलोत को स्टार प्रचारक के रूप में वहां भेजा है। एक नवंबर से दोनों का गुजरात दौरा शुरू भी हो जाएगा। जो करीब 1 महीने तक चलेगा। इस दौरान सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों अलग-अलग समय पर और कार्यकर्ताओं से मिलकर कांग्रेस को बढ़त दिलाने की कोशिश करेंगे। जिसके बाद चुनाव आने पर दोनों नेताओं का एक रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। जिसमें साफ तौर पर स्पष्ट हो जाएगा कि अशोक गहलोत के प्रचार से कितनी सीटें मिली है और सचिन पायलट के प्रचार से कांग्रेस ने कितने सीटों पर अपना कब्जा बनाया है।
दो महीने बाद फिर राजस्थान की राजनीति में होगा बदलाव
यह रिपोर्ट कार्ड आलाकमान तक पहुंचने के बाद पर्यवेक्षक एक बार फिर राजस्थान की ओर रुख करेंगे। जो विधायकों से वार्ता करेंगे। इसके बाद एक बार फिर विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया को होने में एक बार करीब डेढ़ से 2 महीने का समय भी लग सकता है।