सार
जालोर में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर बुधवार 24 अगस्त के दिन अचानक पीड़ित दलित छात्र के घर पहुंच गए। हालाकि पिछली दो बार पुलिस उनको रोकने पर कामयाब हो गई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने मृतक के परिवारजनों से मुलाकात कर सही जांच का भरोसा दिलाया है।
जालोर. जालारे में दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के बाद मामले ने इतना तूल पकड लिया है कि मामला शांत नहीं हो रहा है। बुधवार उस समय जालोर में अचानक पुलिस की भागदौड़ हो गई जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर अपने समर्थकों के साथ दलित परिवार से मिलने पहुंच गए। बताया जा रहा है कि पुलिस को चंद्रशेखर के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। चंद्रशेखर ने इंद्र के पिता से मुलाकात की और सहीं जांच पड़ताल का भरोसा दिलाया।
दो बार रोका जा चुका चंद्रशेखर को, सरकार को बड़ें बवाल का डर
दरअसल कथित भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने पिछले सप्ताह दो बार दलित परिवार से मिलने के लिए जालोर जाने की कोशिश की थी। लेकिन दोनो बार ही जोधपुर एयरपोर्ट पर चंद्रशेखर को पुलिस ने नजरबंद कर लिया था। प्लेन से उतरने के कुछ देर बाद ही उसे हिरासत में ले लिया गया था और जालोर नहीं जाने के लिए पाबंद किया था। लेकिन आज ऐसा नहीं हो सका। आज सवेरे बिना किसी पूर्व सूचना के चंद्रशेखर जालोर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
कांस्टेबल के पक्ष में उतरा समाज, कहा- गलत कर दिया निलंबन
जालोर दलित छात्र की मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कांस्टेबल थानसिंह को सरकार ने निंलबित कर दिया है और साथ ही स्कूल की मान्यता भी रद्द कर दी है। इन दोनो मामलों के विरोध में जालोर में मंगलवार को फिर से 36 कौम के लोग जमा हुए और प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि अभी जांच चल ही रही है और इस बीच सरकार ने निलंबन भी कर दिया। यह पूरी तरह से गलत है। इससे पहले भी 36 कौम के लोग इस मामले को राजनीतिक रुप नहीं देने की मांग कर चुके हैं।