सार
मेयर कुंती परिहार की मांग है कि आरोपियों को पकड़ कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर रेप केस की जगह शांतिभंग का मामला दर्ज किया है। मामला जोधपुर का है।
जोधपुर. राजस्थान में आमजन की सुरक्षा करने वाली पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते जा रहे हैं। हाल ही में जहां अलवर के बानसूर में पुलिस ने रेप के आरोपी को छेड़छाड़ का बताया था। वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहक्षेत्र जोधपुर में पुलिस ने युवतियों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी को महज शांतिभंग में गिरफ्तार किया। इस पूरे मामले में नगर परिषद की मेयर ने ही पुलिस को ही शिकायत की। लेकिन पुलिस ने दोनों आरोपियों को शांति भंग में गिरफ्तार कर कुछ देर बाद छोड़ भी दिया। आरोपियों में एक यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष का भाई भी है।
पूर्व अध्यक्ष के भाई पर मामला
दरअसल, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष के भाई और उसके साथी ने शास्त्री सर्किल पर आइसक्रीम खा रही दो युवतियों से छेड़छाड़ की। बचने के लिए दोनों युवतियां वहां से भागी तो युवकों ने कार से उनका पीछा किया। डर के मारे दोनों युवतियां मेयर कुंती परिहार के घर में घुस गई। और अपने साथ हुआ पूरा घटनाक्रम बताया। जिसके बाद में मेयर ने ही शास्त्री थाने में शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने छेड़छाड़ की बजाय शांतिभंग में केस दर्ज किया। मामले में पुलिस का कहना है कि 3 दिन पहले शिकायत मिली। दोनों आरोपी शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे। पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह बात कर चले गए। सोमवार को दोनों को 151 में बंद कर छोड़ दिया गया।
कुछ घंटों में छोड़ा
वहीं, अब इस पूरे मामले में मेयर का कहना है कि पुलिस ने उनकी शिकायत के बाद भी गलत कार्रवाई की हैं। ऐसे में अब घर कमिश्नर से पूरे मामले की शिकायत करेगी। क्योंकि थानाधिकारी में कमजोर धाराओं में केस किया है। मेयर कुंती परिहार की मांग है कि आरोपियों को पकड़ कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। जानकारों की माने तो महिलाओं से छेड़छाड़ करने पर आईपीसी की धारा 354 के तहत केस दर्ज होता है। जिसमें मामला कोर्ट में भी जाता है। वहीं आईपीसी 151 कुछ घंटों बाद ही जमानत हो जाती है। पुलिस की यह कार्यशैली जोधपुर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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