सार
राजस्थान के जोधपुर शहर से ऐसा अनोखा मामला सामने आया है। जो इन दिनों बेहद चर्चा में बना हुआ है। जहां एक डॉग ने दूसरे डॉग को ब्लड डोनेट कर उसकी जिंदगी बचा ली गई।
जोधपुर (राजस्थान). अभी तक आपने इंसान को इंसान का खून चढ़ाकर उसकी जान बचाने की कई खबरें खूब सुनी होंगी। लेकिन कभी सुना है कि एक जानवर ने दूसरे जानवर को ब्लड देकर उसको बचा लिया हो। लेकिन राजस्थान के जोधपुर शहर से ऐसा अनोखा मामला सामने आया है। जो इन दिनों बेहद चर्चा में बना हुआ है। जहां एक डॉग ने दूसरे डॉग को ब्लड डोनेट कर उसकी जिंदगी बचा ली गई।
मालिक बना डॉग के लिए मसीहा और बचा ली उसकी जिंदगी
दरअसल. जोधपुर जिले के रातानाडा स्थित वेटरनरी हॉस्पिटल में एक स्पिट्स डॉग का इलाज कराने के लिए उसका मालिक लेकर आया था। जिसमें हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम थी, ऐसे में डॉक्टर ने मालिक को उसके सिबलिंग ढूंढकर लाने को कहा। इसके बाद डॉग के मालिक ने अपने डॉग के भाई यानि डॉग को लेकर अस्पताल पहुंचा। इस तरह वो सिबलिंग डॉनर बना और उसका ब्लड उसी के भाई को चढाकर उसकी जान बचा ली गई।
जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था डॉगी
बता दें कि जोधपुर के रहने वाले नारायण जोशी का पालतू डॉग टॉफी जोकि स्पिट्स ब्रीड का है। लेकिन पिछले कुछ दिन से वह बीमार पड़ गया था। जोशी उसकी जांच कराने के लिए उसे वेटरनरी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। जहां पशु डॉक्टर संजय कृष्ण व्यास ने डॉग का चेकअप किया तो उसका हीमोग्लोबिन 2.7 रह गया था। जबकि आमतौर पर स्वस्थ डॉग का हिमोग्लोबिन 12 से 18 के बीच में रहता है। ऐसे में उसकी जान बचाने के लिए और ब्लड चढाने के लिए उसके सिबलिंग को ढूंढा गया।
इस तरह का बना जोधपुर का यह पहला मामला
मालिक नारायण जोशी अपने टफी से बेहद प्यार करते थे। वह हर हाल में उसकी जान बचाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने टफी के सिबलिंग को लेकर आए। इसके बाद उसके ब्लड को टफी के ब्लड से मैच करवाया गया। डॉक्टर ने बताया कि दोनों के ब्लड को मिक्स कर रखा गया और देखा कि थक्का ना जमें। ब्लड का थक्का नहीं जमने पर टफी के सिबलिंग का ब्लड निकाला। डॉक्टर ने बताया कि जोधपुर में इस तरह का ब्लड डोनेट करने का यह पहला मामला है।