सार
अजमेर में 11 जुलाई को तालाब के नजदीक नाले के पास की जा रही खुदाई के दौरान मिली खतरनाक वस्तु अभी भी वहीं पड़ी हुई है। मजदूरों ने जब इस वस्तु को देखा, तो वो घबरा गए। उन्होंने ऐसी चीज की तस्वीरें और वीडियो भी देखे थे। तुरंत पुलिस को बुलाया गया। एक पुलिसवाले ने वस्तु को खिलौने की तरह हाथ में उठाया, लेकिन जैसे ही उसे वस्तु से खतरे का आभास हुआ..उसने वहीं रख दी। अब उस जगह पर कोई नहीं जा रहा है।
अजमेर, राजस्थान. जिले के बीर गांव के जंगल में तालाब के किनारे नाले के पास की जा रही खुदाई के दौरान मिली खतरनाक वस्तु अब भी वहीं पड़ी हुई है। मामला 11 जून का है। मजदूरों ने जब इस वस्तु को देखा, तो वो घबरा गए। उन्होंने ऐसी चीज की तस्वीरें और वीडियो भी देखे थे। तुरंत पुलिस को बुलाया गया। एक पुलिसवाले ने वस्तु को खिलौने की तरह हाथ में उठाया और फिर वापस वहीं रख दिया। वस्तु बेहद खतरनाक थी, यह जानकर उसके होश उड़ गए। मालूम चला कि यह आर्मी का मोर्टार बम है। इसे डिस्पोजल कराने के लिए पुलिस ने आर्मी से संपर्क किया है। जिला प्रशासन भी आर्मी से बम डिस्पोजल करने के लिए पत्र लिख चुका है। हालांकि सेना ने अलर्ट किया है कि बम से दूर रहें। अब उस जगह की पुलिस को निगरानी करनी पड़ रही है, ताकि कोई उसके नजदीक न आए।
सिपाही ने अनजाने में बम उठा लिया था
बीर गांव के मझेवला तालाब के निकट नाले के पास खुदाई का काम चल रहा था। तभी जेसीबी मशीन के खुदाई के बीच मिट्टी में दबा मोर्टार बम दिखा दिया। बताते हैं कि यहां पहले नसीराबाद छावनी की फायरिंग रेंज थी। बम की सूचना मिलते ही श्रीनगर थाना प्रभारी प्रभुदयाल वर्मा दलबल के साथ वहां पहुंचे। इसी दौरान अनजाने में एक सिपाही ने बम हाथ में उठा लिया। लेकिन जब उसे गलती का एहसास हुआ, तो उसने फौरन बम वहीं रख दिया। बताते हैं कि बम को डिस्पोजल करने के लिए सेना के पुणे स्थित हेड क्वार्टर से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
30 पहले फायरिंग रेंज थी यहां
बीर गांव की जंगली पहाड़ी में करीब 30 साल पहले सेना की फायरिंग रेंज थी। हालांकि मोर्टार पर बैच नंबर लिखा होता है, लेकिन वर्षों से यह मिट्टी में दबा होने से दिख नहीं रहा। सामने आया है कि यहां पहले भी बम मिलते रहे हैं।