सार
राजस्थान में चार राज्यसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस की जीत तय है। उसके उम्मीदवार मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला की जीत पक्की है। जबकि एक पर बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी भी राज्यसभा पहुंच जाएंगे लेकिन जो पूरा खेल है वो सिर्फ चौथी सीट पर फंसा हुआ है।
उदयपुर : राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2022) से पहले राजस्थान (Rajasthan) में सियासी हलचल तेज है। विधायकों की खरीद फरोख्त की आशंका के चलते कांग्रेस (Congress) अपने खेमे के विधायकों को उदयपुर शिफ्ट कर रही है। सभी विधायक यहां 9 जून तक रहेंगे और फिर यहीं से सीधे 10 जून को जयपुर पहुंचेंगे और वोट डालेंगे। भले ही कांग्रेस ने विधायकों को छिपाने के लिए चिंतन शिविर वाली जगह को चुना है लेकिन चुनाव से पहले चिंता उसकी कम नहीं है। यहां ताज अरावली होटल में विधायकों के ठहरने का प्रबंध किया गया है। कुल 125 विधायकों में से अभी 60 विधायक नहीं पहुंच पाए हैं। निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला बीमार बताए जा रहा हैं। जबकि रमिला खड़िया, राजेंद्र बिधूड़ी संपर्क में ही नहीं हैं।
एक सीट पर हो सकता है 'खेला'
दरअसल, राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव हैं। दो सीट कांग्रेस और एक पर भारतीय जनता पार्टी की जीत पक्की है। अब बचती है चौथी सीट जिस पर खेला हो सकता है। इस सीट पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार डॉ. सुभाष हैं तो कांग्रेस की तरफ से प्रमोद तिवारी। इसी सीट को लेकर कांग्रेस को डर है कि कहीं बीजेपी कोई गेम न कर जाए। ऐसे में विधायकों को उदयपुर में शिप्ट किया गया है।
कहां हैं 60 विधायक
कांग्रेस ने 125 विधायकों को सेफ हाउस पहुंचाने की जिम्मेदारी महेश जोशी, पुखराज पाराशर, धर्मेंद्र राठौड़ और रफीक खान को दी गई है। गुरुवार शाम विधायकों को जयपुर से उदयपुर के लिए भेजा गया। भीलवाड़ा में राजस्व मंत्री रामलाल जाट के घर विधायकों ने रात का डिनर किया। फिर होटल के लिए निकले लेकिन अब तक सिर्फ 65 विधायक ही वहां पहुंचे हैं। बाकी 60 ने कांग्रेस को टेंशन में डाल दिया है। जानकारी मिल रही है कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ पांच विधायक तो सरिस्का की सैर कर रहे हैं। जबकि बलजीत यादव, वाजिब अली और संदीप यादव उदयपुर नहीं आए हैं।
विधायक न फोन कर सकेंगे, न मेल-मुलाकात
होटल में आने वाले विधायकों को किसी से मिलने की अनुमति नहीं होगी। उनके मोबाइल फोन बंद रहेंगे। हालांकि वे अपनी फैमिली से बात कर सकेंगे लेकिन उसके लिए भी समय तय रहेगा। 9 जून तक विधायको को इसी तरह रहना होगा। यहां ताज होटल में उनके मनोरंजन की सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। उनकी सारी जरुरतें यहां पूरी की जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) खुद शनिवार रात या रविवार तक यहां पहुंच जाएंगे।
नंबर गेम समझिए
यह पूरा गेम सिर्फ एक सीट के लिए है। इस सीट के लिए डॉ. सुभाष चंद्रा के पास भाजपा के 31 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए 41 वोट चाहिए लेकिन उसके पास सिर्फ 26 वोट ही हैं। यानी अभी भी 15 सीट कम हैं। जबकि भाजपा के पास एक सीट पाने के बाद 30 वोट बचेंगे तो उसे सिर्फ 11 वोट ही चाहिए। अब ऐसे में छोटे दलों और निर्दलियों का रोल बढ़ जाता है। इसलिए कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने में जुटी हुई है।
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