सार
आजकल तरह-तरह की समस्याओं की वजह से युवाओं में तनाव और चिंता की समस्या बढ़ती चली जा रही है। जब तनाव ज्यादा बढ़ जाता है, तो वह डिप्रेशन का रूप ले लेता है।
रिलेशनशिप डेस्क। आजकल तरह-तरह की समस्याओं की वजह से युवाओं में तनाव और चिंता की समस्या बढ़ती चली जा रही है। जब तनाव ज्यादा बढ़ जाता है, तो वह डिप्रेशन का रूप ले लेता है। डिप्रेशन की समस्या अचानक नहीं होती। इसके लक्षणों को उभरने में समय लगता है। डिप्रेशन होने पर कोई भी इंसान सुस्त पड़ जाता है और उसकी सामान्य गतिविधियां भी इससे प्रभावित होती हैं। यह जानना भी आसान नहीं होता कि कोई डिप्रेशन की समस्या का किस हद तक शिकार है और क्या उसे मेडिकल हेल्प की जरूरत है या नहीं। डिप्रेशन कम हो या ज्यादा, इस समस्या में पार्टनर का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। जानें, ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।
1. झिड़क कर बात न करें
जो लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं, उनके व्यवहार में बदलाव आने लगता है। वे मूड स्विंग की समस्या से जूझने लगते हैं। कभी वे खुश दिखते हैं तो कभी काफी चिंतित। ऐसे लोग कुछ ऐसी हरकत कर सकते हैं जो आपको अच्छी नहीं लगे। फिर भी इनसे प्यार से बात करें। कभी झिड़क कर बातें नहीं करें।
2. साथ रहें
अगर आपका पार्टनर एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है तो उसे कभी अकेला नहीं छोड़ें। इस समस्या से परेशान आदमी को किसी के साथ की जरूरत हमेशा रहती है। अकेले रहने पर संभव है कि वह कहीं अपना कोई नुकसान न कर ले। इसलिए साथ रहें और भावनात्मक सहारा देते रहें।
3. डॉक्टर से दिखलाएं
जो लोग डिप्रेशन या किसी मानसिक समस्या से पीड़ित होते हैं, उन्हें इसका ख्याल नहीं होता। वे खुद डॉक्टर से नहीं दिखला सकते, ना ही इसकी जरूरत समझते हैं। ऐसे में, पार्टनर ही उनके काम आ सकता है और जरूरी मेडिकल सुविधा मुहैया करवा सकता है। अगर आपको लगे कि पार्टनर डिप्रेशन की समस्या का शिकार है तो बिना देर किए उसे किसी अच्छे मनोचिकित्सक से दिखलाएं।
4. बीमारी के बारे में जानें
हमारे समाज में मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता की काफी कमी है। कोई जल्दी इसे मानने को तैयार नहीं होता। लोग डिप्रेशन और दूसरी मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों की समस्या को जल्दी नहीं समझ पाते हैं। इसलिए इस बीमारी के बारे में जानने की कोशिश करें और उसी के अनुरूप ही व्यवहार करें।
5. डॉक्टर की सलाह मानें
यह तय है कि डिप्रेशन की समस्या अपने आप बिना इलाज के खत्म नहीं होती। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर की मदद लेनी ही पड़ती है। इसलिए जैसे ही यह कन्फर्म हो जाए कि आपके पार्टनर को डिप्रेशन है, तत्काल किसी अच्छे मनोचिकित्स के पास ले जाएं। आजकल इस समस्या को दूर करने के लिए कई अच्छी दवाइयां आ गई हैं। इसके अलावा, थेरेपिस्ट काउंसलिंग भी करते हैं, जिससे काफी फायदा होता है।