सार
अगर आपका बच्चा भी आप से छुपकर कोई गलत काम करता है, तो उसे किस तरह से आपको समझाना चाहिए और अनुशासन सिखाना चाहिए आइए हम आपको बताते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क : किशोरावस्था या टीनएज (teenage) एक ऐसी उम्र होती है जिसमें बच्चों में कई सारे बदलाव होते हैं। कुछ का इफेक्ट तो उनके ऊपर पॉजिटिव पड़ता है, लेकिन कई चीजें उनके दिमाग पर नेगेटिव असर भी डालती है। खासकर इंटरनेट की इस दुनिया में बच्चे इसका दुरुपयोग करके गलत सोचने लगते हैं। इस समय आपको बच्चों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है और उन्हें प्यार से समझाना होता है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनके जरिए आप बच्चों को समझा भी सकते उनके साथ रिश्तों को खराब करने से भी बच सकते हैं...
बच्चों के साथ करें ऐसा बर्ताव
जब आपका बच्चा टीनएज ने कदम रखता है। यानि कि उसकी उम्र 13 से 17 साल के बीच होती है, तो आपको एक ओवरप्रोटेक्टिव पेरेंट की तरह बर्ताव करना चाहिए। वह क्या कर रहा है, किस तरह के फैसले ले रहा है, इसपर आपको ध्यान देना चाहिए। जरूरी नहीं कि आप उसके हर फैसले को गलत ठहराएं, लेकिन उससे बात कर समझाने की कोशिश करें, क्योंकि इस समय बच्चे को आपके सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है।
अपनी अपेक्षाओं को बच्चे के सामने रखें
हर मां-बाप को उम्मीद होती है कि उनके बच्चे टीनएज में ऐसा काम करें या ऐसा काम नहीं करें। ऐसे में आप अपनी अपेक्षाएं अपने बच्चों के सामने रखें कि आप उनसे क्या उम्मीद करते हैं।
नियम बनाना है जरूरी
मां-बाप का एक दोस्त की तरह बच्चे से बर्ताव करना काफी हद तक सही है, लेकिन बच्चों के दिल में आपके प्रति डर होना भी उतना ही जरूरी है। ऐसे में आप उनके लिए कुछ नियम जरूर बनाएं और इन नियमों का पालन करने के लिए उन्हें कहे। अगर बच्चे उन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें डांटने या सबक सिखाने से पीछे नहीं हटे।
ज्यादा सख्ती ना बरतें
कई बार ऐसा होता है कि बच्चे इस उम्र में कुछ गलत काम कर बैठते हैं। ऐसे में मां-बाप उन्हें बुरी तरीके से मारते हैं या दूसरों के सामने इंसल्ट करते हैं, जबकि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। हमें उनके ऊपर ज्यादा सख्ती ना बरतते हुए उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करवी चाहिए, नहीं तो बच्चे उसे समझने की जगह वह काम दोबारा करने लगते हैं।
बच्चों के साथ समय बिताएं
आजकल के दौर में पेरेंट्स और बच्चों का रिश्ता इसलिए भी कमजोर होता जाता है, क्योंकि काम के चक्कर में मां बाप अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। जिसके चलते बच्चे भी अकेला महसूस करते हैं और अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए वह गलत रास्ते पर चले जाते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चों के साथ समय बिताएं और उनसे अपनी बातें शेयर करें। साथ ही उनके मन की बातों को भी जाने की कोशिश करें।
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