Masik Shivratri May 2024 Upay: भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहते हैं। मान्यता है कि शिवजी को यदि एक लोटा जल भी रोज चढ़ाया जाए तो वे अपने भक्त पर प्रसन्न हो जाते हैं। शिव चतुर्दशी पर भी ये उपाय कर सकते हैं।
Chankya Niti: आचार्य चाणक्य के बारे में तो हम सभी जानते हैं। उन्होंने ही जनपदों में बंटे भारत वर्ष एक सूत्र में पिरोया था। उनकी बताई गई नीतियां आज के समय में भी हमारे लिए बड़े काम की हैं।
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध हैं। बातों ही बातों में वे समाज में फैली बुराइयों पर भी प्रहार करते हैं। यही कारण है प्रतिदिन महाराज श्री के प्रवचन सुनने हजारों लोग आते हैं।
shani jayanti 2024 kab hai: धर्म ग्रंथों में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है यानी सभी के शुभ-अशुभ कर्मों का न्याय करने वाले देवता। शनिदेव सूर्य के पुत्र हैं। शनिदेव से संबंधित अनेक मान्यताएं और परंपराएं हमारे समाज में प्रचलित हैं।
Mohini Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एक महीने में 2 एकादशी आती है, इस तरह एक साल में कुल 24 एकादशी का योग बनता है। इन सभी का नाम, महत्व और कथा अलग-अलग है।
Akshaya Tritiya 2024 Date: अक्षय तृतीय बहुत ही शुभ तिथि है। धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा करने से घर में कभी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती।
Parshuram Jayanti 2024: भगवान परशुराम का वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों जैसे रामायण, महाभारत, श्रीमद् भागवत आदि में मिलता है। ये ब्राह्मण थे लेकिन इसके बाद भी इतना स्वभाव अति क्रोधी था। इनसे क्षत्रिय भी डरते थे।
Kyi Vidhva Mahilaye Ashubh Hoti Hai: हिंदू धर्म में अनेक मान्यताएं और परंपराएं हैं। इनमें से कुछ परंपराएं मनोवैज्ञानिक, धार्मिक और कुछ वैज्ञानिक हैं। इन परंपराओं के बारे में हिंदू धर्म के शंकराचार्य समय-समय पर आमजन को बताते रहते हैं।
Vidur Niti: महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। उन्होंने जीवन भर धर्म का साथ दिया। महात्मा विदुर को यमराज का अवतार भी कहा जाता है। उनकी बताई गई नीतियां आज भी हमारे काम आती हैं।
Ravi Pradosh 2024: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। इस व्रत का महत्व अनेक ग्रंथों में बताया गया है।