विवाह हिंदू धर्म के संस्कारों में से एक है। हमारे धर्म ग्रंथों में विवाह से संबंधित अनेक नियम बताए गए हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत अनेक ऐसे छोटे व आसान उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो सकती है। यदि ये उपाय सच्चे मन से किए जाएं तो जल्दी ही इनका सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है।
13 नवंबर, बुधवार से हिंदू कैलेंडर का नौवां महीना अगहन शुरू हो चुका है। धर्म ग्रंथों में इस महीने की विशेष महीना बताई गई है। अगहन को मार्गशीर्ष भी कहते हैं।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार धरती पर सबसे पहले मनुष्य मनु थे। उन्हीं से मनुष्यों का वंश आगे बढ़ा। उनके द्वारा लिखा गया मनु स्मृति नामक ग्रंथ आज भी प्रासंगिक है।
कुछ लोग होते हैं जो हमेशा अपनी नाकामयाबियों के लिए किस्मत को दोष देते हैं। कुछ भी हो इन्हें सिर्फ अपनी किस्मत पर ही रोना आता है।
हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का विशेष महत्व है। देवी गायत्री को वेदों की माता भी कहा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, मूल गायत्री मंत्र तो 1 ही है, लेकिन मनोकामना पूर्ति और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विद्वानों ने अलग-अलग गायत्री मंत्रों की रचना भी की है।
ज्योतिष के अनुसार रविवार का कारक ग्रह सूर्य है, सोमवार का कारक ग्रह चंद्र है, मंगलवार का मंगल, बुधवार का बुध, गुरुवार का गुरु, शुक्रवार का शुक्र और शनिवार का कारक ग्रह शनि है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 13 नवंबर, बुधवार से मार्गशीर्ष (अगहन) मास शुरू हो रहा है। यह महीना 12 दिसंबर, गुरुवार तक रहेगा। शास्त्रों में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है।
गुरु नानक की जयंती के दो दिन पहले से ही गुरुद्वारों में गुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ शुरू हो जाता है। यह 48 घंटे तक चलता है। उनकी जयंती से एक दिन पहले संध्या के समय एक जुलूस निकाला जाता है, जिसे नगर कीर्तन कहते हैं।
आज (12 नवंबर, मंगलवार) कार्तिक पूर्णिमा है। सिख समुदाय के लिए ये दिन बहुत ही विशेष है, क्योंकि इसी दिन सिखों के प्रथम गुरु नानकदेवजी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है।