गणेश चतुर्थी को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, गोवा पुलिस ने पूरी की तैयारी
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ करना है।
इस बार 2 सितंबर, सोमवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन घर-घर में प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाएगी।
भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी कहा गया है।
इस गणेश मंदिर में हर समय भगवान के चरणों में चिट्ठियों और निमंत्रण पत्रों का ढेर लगा रहता है।
इस बार गणेश उत्सव की शुरूआत 2 सितंबर, सोमवार से होगी।
इस बार गणेश चतुर्थी 2 सितंबर, सोमवार को है। भगवान गणेश को घर लाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है।
किसी भी शुभ काम का शुभारंभ श्रीगणेश के पूजन के बाद ही होता है। इनकी पूजा से हमारे सारे काम बिना किसी बाधा से पूरे हो जाते हैं।
श्रीगणेश की पूजा अनेक रूपों में की जाती है, उनमें से एक रूप है श्वेतार्क गणेश। ज्योतिष व तंत्र उपायों में भी श्वेतार्क गणेश का विशेष महत्व है।
गणेश चतुर्थी पर मूर्ति लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। गणेश जी की ऐसी मूर्ति घर लानी चाहिए जो शास्त्रों के अनुसार सही हो। यानी पुराणों और ग्रंथों में जैसा गणेश जी का स्वरूप बताया गया है उनकी मूर्ति भी वैसी ही होनी चाहिए।