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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा को क्या भोग लगाएं? जानें पूजा विधि, मंत्र, आरती और कथा भी

Chaitra Navratri 2024 Devi Chandraghanta Aarti: चैत्र नवरात्रि में तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। इस बार 11 अप्रैल, गुरुवार को देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। ये देवी का सौम्य स्वरूप है। 

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Manish Meharele
Published : Apr 10 2024, 05:00 PM IST| Updated : Apr 11 2024, 07:58 AM IST
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चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की पूजा
Image Credit : adobe stock

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन करें देवी चंद्रघंटा की पूजा

Chaitra Navratri 2024 Devi Chandraghanta Puja Vidhi: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 अप्रैल, मंगलवार शुरू हो चुका है। नवरात्रि का तीसरा दिन (11 अप्रैल, गुरुवार) बहुत खास होता है, इस दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी के इस रूप से अनेक कथाएं, मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। कहते हैं कि देवी के इस रूप की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं। आगे जानिए देवी चंद्रघंटा की पूजा विधि, आरती, मंत्र और कथा…

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मां चंद्रघंटा की कथा (Devi Chandraghanta Ki Katha)
Image Credit : adobe stock

मां चंद्रघंटा की कथा (Devi Chandraghanta Ki Katha)

देवी पुराण के अनुसार, प्राचीन समय में महिषासुर नाम का एक महाशक्तिशाली दैत्य था। उसने सभी देवताओं का पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। तब सभी देवता त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के पास गए। तीन देवताओं ने अपना मुख खोला, जिससे एक प्रकाश निकला और वह एक स्त्री रूप में बदल गया। यही देवी दुर्गा कहलाई। महिषासुर से युद्ध करने के लिए देवराज इंद्र ने उन्हें अपना वज्र और घंटा दिया। घंटाल मस्तक पर धारण करने से ही इनका एक नाम चंद्रघंटा पड़ा।

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ऐसा है देवी चंद्रघंटा का स्वरूप
Image Credit : facebook

ऐसा है देवी चंद्रघंटा का स्वरूप

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्रयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
अर्थात- मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दस हाथों में अलग-अलग शस्त्र जो देवताओं ने इन्हें प्रदान किए हैं। इनका वाहन सिंह है। ये देवी हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहती हैं।

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इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा (Devi Chandraghanta Ki Puja Vidhi)
Image Credit : facebook

इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा (Devi Chandraghanta Ki Puja Vidhi)

- 11 अप्रैल, गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- घर में किसी साफ स्थान पर देवी चंद्रघंटा की तस्वीर स्थापित करें और देवी को फूल माला चढ़ाएं, कुमकुम से तिलक करें।
- इसके बाद अबीर, गुलाल, फूल, चावल आदि चीजें एक-एक करके देवी को चढ़ाते रहें। नीचे लिखा मंत्र 11 बार बोलें।
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
- पूजा के बाद देवी चंद्रघंटा को दूध से मिठाई का भोग लगाएं और अंत में आरती करें। देवी चंद्रघंटा की पूजा से सभी कामना पूरी होती है।

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मां चंद्रघंटा की आरती (Goddess Chandraghanta Aarti)
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मां चंद्रघंटा की आरती (Goddess Chandraghanta Aarti)

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे काम।।
चंद्र समान तू शीतल दाती। चंद्र तेज किरणों में समाती।।
क्रोध को शांत बनाने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली।।
मन की मालक मन भाती हो। चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।।
सुंदर भाव को लाने वाली। हर संकट मे बचाने वाली।।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये। श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय।।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं। सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।।
शीश झुका कहे मन की बाता। पूर्ण आस करो जगदाता।।
कांची पुर स्थान तुम्हारा। करनाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटू महारानी। भक्त की रक्षा करो भवानी।।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

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Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।
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