सार

Ashad Maas 2024: अंग्रेजी कैलेंडर की तरह ही हिंदू पंचांग में भी एक साल को 12 महीनों में बांटा गया है। हिंदू पंचांग के चौथा महीने का नाम आषाढ़ है। धार्मिक दृष्टिकोण से ये महीना बहुत ही खास माना गया है।

 

Ashad Maas 2024 Fastival Calender: हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का चौथा महीना आषाढ़ होता है। धार्मिक दृष्टिकोण से इस महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में कईं बड़े त्योहार जैसे हल हारिणी अमावस्या, देवशयनी एकादशी, गुप्त नवरात्रि, भड़ली नवमी और गुरु पूर्णिमा आदि मनाए जाते हैं। इसी महीने से चातुर्मास की शुरूआत भी होती है। इस महीने से जुड़ी अनेक मान्यताएं और परंपराएं भी धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं। आगे जानिए साल 2024 में आषाढ़ मास कब से शुरू होगा और इस महीने में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा…

कब से शुरू होगा आषाढ़ 2024?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, साल 2024 में आषाढ़ मास की शुरूआत 23 जून, रविवार से होगी। इस दिन आषाढ़ मास की प्रतिपदा और द्वितिया तिथि का संयोग बन रहा है। आषाढ़ मास का समापन 21 जुलाई, रविवार को होगा। इस तरह ये महीना 29 दिनों का होगा। ये महीना ज्योतिष दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है।

आषाढ़ मास 2024 में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाएंगे?
25 जून, मंगलवार- अंगारक गणेश चतुर्थी
29 जून, शनिवार- शीतला अष्टमी
2 जुलाई, मंगलवार- योगिनी एकादशी
3 जुलाई, बुधवार- प्रदोष व्रत
4 जुलाई, गुरुवार- शिव चतुर्दशी व्रत
5 जुलाई, शुक्रवार- हलहारिणी अमावस्या
6 जुलाई, शनिवार- गुप्त नवरात्रि आरंभ
7 जुलाई, रविवार- जगन्नाथ रथयात्रा आरंभ
9 जुलाई, मंगलवार- अंगारक विनायकी चतुर्थी व्रत
15 जुलाई, सोमवार- भड़ली नवमी, गुप्त नवरात्रि समाप्त
16 जुलाई, मंगलवार- आशा दशमी
17 जुलाई, बुधवार- देवशयनी एकादशी, चातुर्मास आरंभ
18 जुलाई, गुरुवार- प्रदोष व्रत, वासुदेव द्वादशी
19 जुलाई, शुक्रवार- विजया पार्वती व्रत, मंगला तेरस
21 जुलाई, रविवार- गुरु पूर्णिमा, स्नान-दान व्रत पूर्णिमा

देवशयनी एकादशी से शुरू होगा चातुर्मास
धर्म ग्रंथों में चातुर्मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार चातुर्मास की शुरूआत 17 जुलाई से हो रही है। चातुर्मास के अंतर्गत, आषाढ़, सावन, भादौ, और आश्विन मास आते हैं। मान्यता है कि इन चार महीनों में भगवान विष्णु पाताललोक में जाकर विश्राम करते हैं। इसलिए इन 4 महीनों में विवाह आदि शुभ कार्यों नहीं किए जाते। ये 4 महीने भगवान की भक्ति के लिए उपयुक्त माने गए हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।