Bihar Ancient Facts 2025: बिहार में इस समय विधान सभा चुनाव हो रहे हैं, जिसके चलते ये राज्य अभी सुर्खियों में बना हुआ है। बिहार महाभारत काल में भी शक्ति का प्रमुख केंद्र था, तब इसका नाम कुछ और था। इससे जुड़ी अनेक रोचक बातें हैं जिनसे लोग अनजान हैं।
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को की जा रही है। जिसके चलते पूरे देश की निगाहें इस समय इस राज्य पर टिकी हुई हैं। बिहार न सिर्फ पॉलिटिक्स के चलते बल्कि अन्य कारणों से भी लगातार सुर्खियों में बना रहता है। द्वापर युग यानी आज से लगभग 5 हजार साल पहले भी बिहार का अस्तित्व था। महाभारत काल में बिहार के बारे में काफी रोचक बातें पढ़ने को मिलती हैं। आगे जानिए क्या है बिहार का पुराना नाम, महाभारत काल में कौन था यहां राजा…
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क्या है बिहार का पुराना नाम?
महाभारत के अनुसार, द्वापर युग में भारत 16 जनपदों में बंटा हुआ था। उनमें से एक मगध भी था। यही मगध वर्तमान का बिहार है। उस समय हस्तिनापुर के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा शक्तिशाली जनपद था तो वो मगध ही था। यहां उस समय जरासंध नाम का एक पराक्रमी राजा था जो श्रीकृष्ण को अपना शत्रु मानना था। श्रीकृष्ण और जरासंध के बीच अनेक युद्ध भी हुए।
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श्रीकृष्ण का शत्रु क्यों बना जरासंध?
महाभारत के अनुसार जरांसध की 2 पुत्री थी, जिनका नाम अस्ति और प्राप्ति था। जरासंध ने इन दोनों का विवाह मथुरा के राजा कंस से करवाया था। जब श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया तो जरासंध उन्हें अपना शत्रु मानने लगा। अपने जमाई की मृत्यु का बदला लेने के लिए जरासंध ने कईं बार मथुरा पर आक्रमण किया लेकिन हर बार उसकी हार हुई। लेकिन बार-बार होने वाले इन आक्रमणों से बचने के लिए श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ द्वारिका को अपनी राजधानी बनाया।
जरासंध क्यों देना चाहता था 100 राजाओं की बलि?
चक्रवती सम्राट बनने के लिए जरासंध 100 राजाओं की बलि देना चाहता था। इसके लिए उन्हें अनेक राजाओं को बंदी भी बना लिया था। उस समय इंद्रप्रस्थ के राजा युधिष्ठिर भी चक्रवर्ती राबिहाजा बनने के लिए राजसूय यज्ञ करना चाहते थे। तब श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि बिना जरासंध को मारे वे ये यज्ञ पूरा नहीं कर पाएंगे। तब श्रीकृष्ण ने जरासंध को मारने के लिए विशेष योजना बनाई।
कितने दिन चला था भीम और जरासंध का युद्ध?
योजना के अनुसार, श्रीकृष्ण, भीम और अर्जुन ब्राह्मण के रूप में जरासंध के पास गए। वहां भीम ने जरासंध को कुश्ती के लिए चुनौती दी। जरासंध और भीम के बीच लगातार 13 दिनों तक कुश्ती होती रही। जरासंध किसी भी तरह भीम से कम नहीं था। तब श्रीकृष्ण ने भीम को ईशारे में कहा कि जरासंध को बीच में चीरकर उसके दोनों हिस्सों को अलग-अलग दिशाओं में फेंक दो। भीम के ऐसा करने पर जरासंध की मृत्यु हुई। जरासंध की मृत्यु के बाद उसके बेटे सहदेव को श्रीकृष्ण ने मगध का राजा बना दिया।
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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
