सार

Chandrayaan 3 Launch: 14 जुलाई, शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र द्वारा चंद्रयान 3 लांच किया जा रहा है। इसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की जा रही है।

 

उज्जैन. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) का बहुप्रतीक्षित मिशन ‘चंद्रयान-3’ आज (14 जुलाई 2023) लॉच होने वाला है (Chandrayaan 3 Launch)। मिशन के पूरा होते ही भारत चंद्रमा तक पहुंचने वाला चौथा देश बन जाएगा। इस मिशन की सफलता के लिए देश भर के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा की जा रही है। उज्जैन के महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में भी चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पूजा की गई। उल्लखेनीय है कि पिछले दिनों इसरो के अध्यक्ष डॉ श्रीधर सोमनाथ (ISRO Chairman Dr. Shridhar Somnath) उज्जैन (Ujjain) आए थे और उन्होंने यहां भगवान महाकाल के दर्शन भी किए थे।

चंद्रयान-3 की सफलता के लिए महाकाल से प्रार्थना (Prayer to Mahakal for the success of Chandrayaan-3)
14 जुलाई, शुक्रवार को सुबह से ही महाकाल मंदिर में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पंडितों द्वारा विशेष पूजा की जा रही है। महाकाल मंदिर के पुजारी रमण त्रिवेदी के अनुसार, भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान है, इसलिए चंद्रयान-3 की सफलता के लिए यहां पूजा की जा रही है। इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन मास चल रहा है। ऐसे मौके पर चंद्रयान-3 मिशन जरूर सफल होगा।

कैप्शन- सांदीपनि आश्रम स्थित कुण्डेश्वर महादेव मंदिर

यहां भी जारी है पूजा-अर्चना का दौर
महाकाल मंदिर के अलावा उज्जैन के ही सांदीपनि आश्रम में स्थित कुण्डेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक कर चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पूजा अर्चना की जा रही है ताकि बिना किसी बाधा के ये मिशन सफल हो जाए। यहां चंद्रयान के मॉडल को रखकर पूजन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सांदपनि आश्रम में ही भगवान श्रीकृष्ण शिक्षा प्राप्त की थी।

कैप्शन- बीच में इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान

इसरो प्रमुख आ चुके हैं यहां
24 मई 2023 इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ उज्जैन आए थे। इस दौरान उन्होंने महाकाल सहित अन्य मंदिरों में भी दर्शन किए थे। इसरो प्रमुख श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर भी पहुंचे थे। यहां आकर उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना भी की थी। महाकाल मंदिर और महाकाल लोक देखते हुए डॉ श्रीधर सोमनाथ ने कहा था कि “महाकाल धाम अद्भुत एवं अलौकिक है।” उन्होंने समिति के व्यवस्था संचालकों को साधुवाद भी दिया था।


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