Diwali 2025: दिवाली पर घर में अखंड ज्योति जलाना शुभ माना जाता है। इसकी लौ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है, सुख-समृद्धि लाती है और पितरों को शांति प्रदान करती है। क्या आप अखंड ज्योति की पूजा की सही विधि और दिशा जानते हैं?

Diwali Akhand Jyot Rules: रोशनी का त्योहार दिवाली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दिवाली पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा है और घर में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। दिवाली पर घर में अखंड ज्योत जलाने का विशेष महत्व है। आइए जानें दिवाली पर अखंड ज्योत जलाने से क्या होता है और इसके सही नियम क्या हैं।

दिवाली पर अखंड ज्योत जलाने का महत्व

  • अखंड ज्योत को देवी-देवताओं का स्वरूप माना जाता है। यह अग्नि तत्व की उपस्थिति का प्रतीक है और वातावरण को शुद्ध करती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश: अखंड ज्योत की लौ से उत्पन्न ऊर्जा घर की सभी नकारात्मक शक्तियों और दोषों को दूर करती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
  • सुख-समृद्धि: ऐसा माना जाता है कि धनतेरस से भैया दूज तक अखंड ज्योति जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-समृद्धि बढ़ती है। इससे दरिद्रता दूर होती है।
  • पितृ शांति: अखंड ज्योति जलाने से पितरों को शांति मिलती है, जो प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
  • वास्तु दोषों का निवारण: अखंड ज्योति से उत्पन्न अग्नि तत्व घर के वास्तु दोषों को भी दूर करने में मदद करता है।
  • दीर्घायु और स्वास्थ्य लाभ: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सही दिशा में दीपक जलाने से परिवार के सदस्यों की आयु बढ़ती है और उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है।

अखंड ज्योति जलाने के सही नियम

पूजा का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए अखंड ज्योति जलाने के कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:

संकल्प और प्रार्थना: दीपक जलाने से पहले, अपनी मनोकामना का मानसिक संकल्प लें और देवी-देवताओं से अखंड ज्योति की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

दीपक पात्र: अखंड ज्योति के लिए मिट्टी या पीतल के दीपक पात्र का उपयोग करना शुभ माना जाता है। मिट्टी के दीपक जलाने से पहले उन्हें पानी में भिगोकर साफ करना चाहिए।

दीपक कहां रखें? 

शास्त्रों के अनुसार, अखंड ज्योति को कभी भी सीधे ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। दीपक को हमेशा लाल कपड़े से ढके किसी चबूतरे या तख्ते पर या अनाज (गेहूं, चावल, जौ) के ढेर पर रखना चाहिए।

  • शुभ दिशा: अखंड ज्योति की लौ (बाती) की दिशा बहुत महत्वपूर्ण है।
  • पूर्व दिशा: इस दिशा में ज्योति रखने से आयु बढ़ती है।
  • उत्तर दिशा: इस दिशा में ज्योति रखने से धन लाभ और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • पश्चिम दिशा: इस दिशा में बाती रखने से सुख, समृद्धि और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।
  • दक्षिण दिशा: देवी भागवत पुराण के अनुसार, अखंड ज्योति की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं रखनी चाहिए; इसे अशुभ माना जाता है।
  • बाती की देखभाल: अखंड ज्योति के लिए एक विशेष मोटी बाती का प्रयोग करें। एक बार दीपक जलने के बाद, बाती को बार-बार नहीं बदलना चाहिए।

दीपक को बुझने न दें

अखंड ज्योति का सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि वह आपके संकल्प की अवधि (जैसे दिवाली के पाँच दिन) तक बुझनी नहीं चाहिए। ज्योति को बुझने से बचाने के लिए, समय-समय पर उसमें घी/तेल डालते रहें और उसे ऐसी जगह रखें जहाँ हवा से बुझने की संभावना न हो।

बुझने पर क्या करें?

यदि किसी कारणवश अखंड ज्योति बुझ जाए, तो इसे बहुत अपशकुन माना जाता है। ऐसी स्थिति में, तुरंत देवी मां से क्षमा याचना करें, बाती को बदल दें और दूसरे दीपक की लौ से उसे पुनः जलाएं। बुझी हुई ज्योति की बाती का दोबारा उपयोग नहीं करना चाहिए।

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।