सार

Govardhsn Puja 2024: हर साल दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा पूरे देश में की जाती है। ये परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। इस बार गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

 

Govardhsn Parikrma Niyam: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हर साल गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 2 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पूजा की आकृति बनाकर इसकी पूजा करती हैं। गोवर्धन पर्वत मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित है। मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा से हर परेशानी दूर हो सकती है। प्रसिद्ध संत प्रेमानंद बाबा से जानिए गोवर्धन पर्वत की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

गोवर्धन परिक्रमा करते समय ध्यान रखें ये बातें…

1. प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा जूते, चप्पल पहनकर नहीं करना चाहिए क्योंकि गोवर्धन साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है। इसलिए जूते-चप्पल पहनकर गोवर्धन परिक्रमा करना ठीक नहीं है।
2. गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा हमेशा दाईं ओर से करनी चाहिए और इस दौरान मल-मूल का त्याग बाईं ओर करना चाहिए। यहां तक की दाईं ओर थूकना भी नहीं चाहिए। इससे भी हमारे देवता का अपमान होता है।
3. गोवर्धन परिक्रमा करते समय किसी भी तरह का व्यसन जैसे बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा किसी वाहन में बैठकर नहीं करनी चाहिए। यदि कोई चलने में सक्षम नहीं है या अधिक बीमार है तो उसके लिए ये नियम जरूरी नहीं है।
5. गोवर्धन परिक्रमा को लेकर किसी तरह का संकल्प न लें क्योंकि भविष्य में क्या परिस्थिति होगी, इसके बारे में आप नहीं जानते।
6. अगर एक बार में परिक्रमा करने में परेशानी हो तो थोड़ी-थोड़ी दूर पर विश्राम करते हुए परिक्रमा पूरी करें। जहां तक संभव हो परिक्रमा अधूरी न छोड़ें।
7. गोवर्धन परिक्रमा करते समय इधर-उधर की बातें बिल्कुल भी न करें, भगवान के भजन करते रहें या फिर मौन रहकर ये काम करें।
8. परिक्रमा के दौरान मानसिक रूप से शुद्धता का पालन करें यानी कोई भी गलत विचार मन में नहीं आना चाहिए।


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