सार
Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी की पूजा देश के हर प्रांत में होती है। कुछ प्रांतों में हनुमान जयंती के लेकर अलग मान्यताएं हैं, जिसके चलते ये पर्व अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है।
Beliefs related to Hanuman Jayanti: हनुमानजी कलयुग के जीवंत देवता हैं। यही कारण है देश के हर प्रांत में इनके भक्त हैं और हर जगह इनकी पूजा की जाती है। इस बार हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में हनुमान जयंती की तिथि को लेकर विभिन्न मान्यताएं हैं, जिसके चलते ये पर्व विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। आगे जानिए देश के किस हिस्से में कब मनाते हैं हनुमान जयंती…
उत्तर-मध्य भारत में चैत्र पूर्णिमा
धर्म ग्रंथों के अनुसार, उत्तर और मध्य भारत में हनुमान जयंती का पर्व चैत्र पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। ये हिंदू वर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि भी होती है। पूरे देश में इस तिथि पर हनुमान जयंती की मान्यता सबसे अधिक है। ये तिथि राम नवमी के ठीक 6 दिन बाद आती है। इस बार ये तिथि 23 अप्रैल, मंगलवार को है। इस दिन प्रमुख हनुमान मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
तेलंगाना और आंध्रा में कब मनाते हैं हनुमान जयंती?
तेलंगाना और आंध्रा प्रदेश में हनुमान जयंती का पर्व 41 दिनों तक मनाया जाता है। ये पर्व चैत्र पूर्णिमा से शुरू होता है। मुख्य उत्सव ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। वहां की मान्यता के अनुसार, हनुमानजी का जन्म ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को हुआ था।
तमिलनाडु में कब मनाते हैं हनुमान जन्मोत्सव?
तमिलनाडु में भी हनुमान जन्मोत्सव को लेकर एक अलग मान्यता है। यहां ये पर्व मार्गशीर्ष अमावस्या पर मूल नक्षत्र का संयोग होने पर मनाया जाता है। अगर किसी वजह से ऐसा संयोग न बने तो फिर पौष मास की अमावस्या पर ये पर्व मनाते हैं।
एक मान्यता ये भी हनुमान जयंती
कुछ धर्म ग्रंथों व पुराणों में में हनुमान जन्म की तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी बताई गई है। ये तिथि दीपावली से ठीक एक दिन पहले आती है। हालांकि इस तिथि के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। इस तिथि को काली चौदस भी कहते हैं और इस दिन नरक चतुर्दशी पर्व के दौरान यमराज की पूजा भी की जाती है।
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