सार
Hanuman ji Ke Bhajan: हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से हर तरह के दुख और संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है। इनके भजन सुनने मात्र से भी जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
Hanuman Bhajan Lyrics In Hindi: वैसे तो हनुमानजी की पूजा कभी भी की जा सकती है लेकिन मंगलवार और शनिवार को इनकी पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है, ऐसा कहा जाता है। कुछ लोग दिन की शुरूआत ही हनुमानजी के भजनों को सुनकर करते हैं। हनुमानजी के कुछ ऐसे वायरल भजन भी हैं, जिन्हें सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं। आगे जानें ऐसे ही 7 भजन…
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हनुमान तुम्हारा क्या कहना भजन लिरिक्स
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही, हनुमान तुम्हारा क्या कहना
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही, हनुमान तुम्हारा क्या कहना ।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहन..
सीता की खोज करी तुमने, तुम सात समुन्दर पार गये।
लंका को किया श्मशान प्रभु, बलवान तुम्हारा क्या कहना।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना..
जब लखनलाल को शक्ति लगी तुम घोलगिर पर्वत लाये,
लक्ष्मण के बचाये आ कर के तब प्राण तुम्हारा क्या कहना।
तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या कहना..
तुम भक्त शिरोमणि हो जग मे तुम वीर शिरोमणि हो जग मे,
तेरे रोम रोम मे बसते हैं सियाराम तुम्हारा क्या कहना..
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्हीं भजन लिरिक्स
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
सीता की खोज करी तुमने,
तुम सात समुन्दर पार गये,
लंका को किया शमशान प्रभु,
बलवान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
जब लखन लाल को शक्ति लगी,
तुम धोलागिरी पर्वत लाये,
लक्ष्मण के बचाये आ कर के,
तब प्राण तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
तुम भक्त शिरोमनी हो जग में,
तुम वीर शिरोमनी हो जग में,
तेरे रोम रोम में,
तेरे रोम रोम में बसते हैं,
सिया राम तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही,
हनुमान तुम्हारा क्या कहना,
तेरी शक्ति का क्या कहना,
तेरी भक्ति का क्या कहना॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में भजन लिरिक्स
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
अनमोल कोई भी चीज,
मेरे काम की नहीं,
दिखती अगर उसमे छवि,
सिया राम की नहीं ॥
राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरण करूँ,
सिया राम का सदा ही मै चिंतन करूँ,
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखला दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना, सागर को मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
माँ अंजनी के लाल भजन लिरिक्स
माँ अंजनी के लाल,
कलयुग कर दियो निहाल,
ओ पवन पुत्र हनुमान,
तुम श्री राम के सेवक हो।
शिव शंकर के अवतार
मेरे बालाजी सरकार
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो।
तू माँ अंजनी का जाया
शिव अवतारी कहलाया
पाकर के अद्भुत शक्ति
संसार में मान बढाया
तुम श्री राम के सेवक हो।
तेरी सूरत कुछ कपी सी
कुछ मानव सी सुहाय
मन में राम समाए
और तन सिंदूर रमाये
तेरी छाती बज्र समाये
तुम श्री राम के सेवक हो।
जब हरण हुआ सीता का
कुछ पता नही लग पाया
तूने जा के लंका नगरी
माँ सीता का पता लगाया
तूने राक्षस सब पछाड़े
पहले गरजे फिर दहाड़े
सबको मिलकर दिए पछाड़
तुम श्री राम के सेवक हो।
माँ अंजनी के लाल,
कलयुग कर दियो निहाल,
ओ पवन पुत्र हनुमान,
तुम श्री राम के सेवक हो।
मंगल मूर्ति राम दुलारे भजन लिरिक्स
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ।
तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज संवारा,
तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज संवारा,
हे जगवंदन केसरी नंदन,
हे जगवंदन केसरी नंदन,
कष्ट हरो हे कृपा निधान,
कष्ट हरो हे कृपा निधान ।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ।
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान,
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजै ध्यान,
शरण पड़े का कीजै ध्यान ।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
करो कल्याण, करो कल्याण..
खुश होंगे हनुमान भजन लिरिक्स
सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
लिखा था राम नाम वो, पत्थर भी तर गए
किए राम से जो बैर, जीते जी वो मर गए
बस नाम का रसपान, ए इंसान किए जा
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
राम नाम की धुन पे नाचे, हो कर के मतवाला
बजरंगी सा इस दुनिया में, कोई ना देखा भाला,
जो भी हनुमत के दर पे आता, उसका संकट टाला,
मुख में राम, तन में राम, जपे राम राम की माला ॥
जहाँ राम का कीर्तन, वही हनुमान जति हो,
गोदी मे गणपति को लें, शिव पार्वती हो,
सियाराम की कृपा से, सौ साल जिए जा,
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
जिसपे दया श्री राम की, बांका ना बाल हो,
उसका सहाई ‘लक्खा’, अंजनी का लाल हो
‘राजपाल’ तू हर हाल में, जयकार किए जा,
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
जय हो जय हो तुम्हारी बजरंग बली भजन लिरिक्स
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥
बचपन की कहानी निराली बड़ी,
जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे,
फल समझ कर उड़े आप आकाश में,
तेरा सूरज को खाना गजब हो गया ॥
कूदे लंका में जब मच गयी खलबली,
मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली,
मार डाले अच्छो को पटककर वही,
तेरा लंका जलाना गजब हो गया ॥
आके शक्ति लगी जो लखनलाल को,
राम जी देख रोये लखनलाल को,
लेके संजीवन बूटी पवन वेग से,
पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया ॥
जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी,
और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी,
सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल,
फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया ॥
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥
बानर बांको रे लंका नगरी में भजन लिरिक्स
बानर बांको रे, लंका नगरी में,
मच गयो हाको रे, बानर बांको रे,
बानर बांको रे, लंका नगरी में,
मच गयो हाको रे, बानर बांको रे ..…
मात सिया यूं बोली रे बेटा,
फ़ल खाई तू पाको रे,
इतने माही कूद्या हनुमत,
मार फ़दाको रे, बानर बांको रे..…
रुख उखाड़ पटक धरणी पर,
भोग लगाया फ़लां को रे,
रखवाला जब पकडन लाग्या,
दियो झडाको रे, बानर बांको रे..…
राक्षसिया अडरावै सारा,
काल आ गयो म्हाको रे,
मुँह पर मार पड़े मुक्के री,
फ़ाडे बाको रे, बानर बांको रे..…
हाथ टांग तोडे,सिर फ़ोडे,
घट फ़ोडे ज्यू पाको रे,
लुक छिप कर कई घर मे घुसग्या,
पड गयो फ़ांको रे, बानर बांको रे..…
उजडी पडी अशोका वाटिका,
ज्यूं मारग सडकां को रे,
उथल पुथल सब करयो बगिचो,
बिगडयो खाको रे, बानर बांको रे..…
जाय पुकार करी रावन स्यूं,
दिन खोटो असुरां को रे,
कपि आय एक घुस्यो बाग में,
गजब लडाको रे, बानर बांको रे..…
भेज्यो अक्षय कुमार भिडन नै,
हनुमत स्यामी झांक्यो रे,
एक लात की पडी असुर पर,
पी गयो नाको रे, बानर बांको रे..…
धन धन रे रघुवर का प्यारा,
अतुलित बल है थांको रे,
तु हे जग में मुकुटमणी है,
सब भक्तां को रे, बानर बांको रे.....
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