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Hindu Tradition: मृतक को मुखाग्नि देने वाले को इन 5 नियमों का पालन करना चाहिए, जानें कारण भी

Hindu Tradition: हिंदू धर्म में 16 संस्कार बताए गए हैं, इनमें से अंतिम संस्कार भी एक है। जो व्यक्ति मृतक को मुखाग्नि देता है यानी शव को अग्नि देता है, उसके लिए शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। ये नियमों का पालन करना जरूरी होता है। 

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Manish Meharele
Published : Feb 24 2023, 06:30 AM IST
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मृतक को मुखाग्नि देने वाले के लिए नियम...
Image Credit : Getty

मृतक को मुखाग्नि देने वाले के लिए नियम...

अंतिम संस्कार भी 16 संस्कारों में से एक है। जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके शरीर को अग्नि में जला दिया जाता है, इसे दाह संस्कार कहते हैं। ये कार्य वैसे तो मृतक का पुत्र करता है, लेकिन पुत्र न हो तो परिवार का अन्य कोई सदस्य भी मृतक को मुखाग्नि दे सकता है। (Hindu Tradition) जो व्यक्ति मुखाग्नि देता है, उसके लिए धर्म ग्रंथों में कई नियम बताए गए हैं। हालांकि बदलते समय के साथ इन नियमों में शिथिलता आ गई है, लेकिन फिर भी इन नियमों का पालन जहां तक हो सके 13 दिन तक अवश्य करना चाहिए। आगे जानिए इन नियमों के बारे में…
 

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किसी दूसरे के घर में प्रवेश न करें
Image Credit : Getty

किसी दूसरे के घर में प्रवेश न करें

जो व्यक्ति मृतक को मुखाग्नि देता है, उसे 13 दिन किसी दूसरे के घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। गरुण पुराण के अनुसार, 13 दिन इसलिए क्योंकि 13वें दिन मृतक से संबंधित सभी उत्तर कार्य पूर्ण कर लिए जाते हैं और उसकी आत्मा पृथ्वी से यमलोक की यात्रा पर निकल जाती है। इसलिए 13 दिन तक इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

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नए वस्त्र न पहनें
Image Credit : Getty

नए वस्त्र न पहनें

मृतक को मुखाग्नि देने वाले व्यक्ति को 13 दिन तक नए वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि नए वस्त्र खुशी के मौके पर पहने जाते हैं न कि मृत्यु जैसे दुखद अवसर पर। 13 दिन बाद जब मृतक से संबंधित सभी उत्तर कार्य संपूर्ण हो जाएं तो नए वस्त्र पहने जा सकते हैं। 
 

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सवा महीने तक किसी शुभ कार्य में शामिल न हों
Image Credit : Getty

सवा महीने तक किसी शुभ कार्य में शामिल न हों

वैसे तो मुखाग्नि देने वाले को 13 दिन तक कुछ नियमों का पालन करना होता है, लेकिन उसे सवा महीने तक यानी लगभग 45 दिन तक किसी भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई आदि में शामिल नहीं होना चाहिए। हालांकि ये नियम सिर्फ मुखाग्नि देने वाले पर ही बल्कि परिवार के हर सदस्य पर भी लागू होता है।

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चप्पल-जूते न पहनें
Image Credit : Getty

चप्पल-जूते न पहनें

वैसे तो एक नियम ये भी है कि मुखाग्नि देने वाले व्यक्ति को 13 दिन तक जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए, लेकिन समय के साथ इस नियम में शिथिलता आ गई है क्योंकि ऐसा करना आज के समय में संभव नहीं है। बिना जूते-चप्पल पहनकर घर से बाहर निकलने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
 

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घर से अधिक समय के लिए बाहर न निकलें
Image Credit : Getty

घर से अधिक समय के लिए बाहर न निकलें

मुखाग्नि देने वाले व्यक्ति को अधिक समय तक घर से बाहर नहीं रहना चाहिए क्योंकि 13 दिनों तक रोज मृतक के निमित्त भोजन और चाय आदि रखा जाता है। ये सभी कार्य मुखाग्नि देने वाले व्यक्ति को हाथों से करवाया जाता है। इसके अलावा शोक व्यक्त करने वाले लोगों के साथ भी उसे बैठना होता है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।


 

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।
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