सार

Israel-Palestine Crisis: 7 अक्टूबर, शनिवार की सुबह करीब 8 बजे फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजराइल के कईं शहरों पर हमला कर दिया, जिसमें कईं लोगों की मौत होने की खबर है। इधर इजराइल ने भी फिलिस्तीन पर रॉकेट से बमबारी की है।

 

उज्जैन. फिलिस्तीन (Palestine) और इजराइल (Israel) का पुराना विवाद 7 अक्टूबर, शनिवार को एक बार फिर शुरू हो गया। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजराइल के तेल अवीव, स्टेरोट और अश्कलोन सहित करीब 7 शहरों पर लगभग 5 हजार हजार रॉकेट दागे। इस हमले में कई लोगों को मरने की खबर है। उधर इजराइल ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए गाजा पट्टी से 2,200 रॉकेट फायर किए गए।

ये मस्जिद को अपवित्र करने का बदला
इजराइल पर किए हमले को लेकर हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ का कहना है कि इस ऑपरेशन को अल-अक्सा फ्लड नाम दिया गया है। ये इस्लाम की सबसे पवित्र मस्जिदों में से एक अल-अक्सा (Al-Aqsa Mosque) को अपवित्र करने का बदला है। गौरतलब है कि अप्रैल 2023 में इस मस्जिद को लेकर इजराइल और फिलिस्तीन में विवाद हुआ था, तब इजराइली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किया गया हमला उसी का बदला है।

कहां है अल-अक्सा मस्जिद, क्या है इतिहास? (Where is Al-Aqsa Mosque, what is its history?)
जिस मस्जिद का बदला लेने की बात हमास कमांडर द्वारा की जा रही है वो अल-अक्सा मस्जिद इजराइल के सबसे बड़े शहर यरूशलम में स्थित है। इस मस्जिद को लेकर यहूदी, मुस्लिमों और ईसाइयों का अपना-अपना दावा है। मुस्लिम इसे पैगंबर मोहम्मद से जोड़कर देखते हैं तो ईसाई इसे यीशु से जोड़कर। यहूदी भी इसे अपना पवित्र स्थान मानते हैं।

क्या है इस्लाम की मान्यता? (Al-Aqsa Mosque Islamic belief)
अल-अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। मुस्लिम इस मस्जिद को अल-हरम-अल शरीफ भी कहते हैं। मस्जिद परिसर में ही डोम ऑफ द रॉक करके एक जगह है। मान्यता है कि मोहम्मद पैगंबर डोम ऑफ द रॉक से होकर ही जन्नत गए थे। इस बार वर्तमान में इजराइल का कब्जा है। यही कारण है कि फिलिस्तीन का हमेशा से ही अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजराइल से विवाद होता रहता है।

अल-अक्सा मस्जिद को लेकर यहूदी मान्यता (Al-Aqsa Mosque Jewish belief)
यहूदी भी अल-अक्सा मस्जिद को अपना पवित्र स्थान मानते हैं। वे इसे टेंपल टाउन कहते हैं। उनका मानना है कि बाइबल में जिन यहूदी मंदिरों का जिक्र है, वे यहीं थे। यहूदी इसे मस्जिद की पश्चिमी दीवार को ‘वेलिंग वॉल’ यानी शोक की दीवार कहते हैं। इसे भी यहूदी मंदिर का अंश माना जाता है। इस तरह अल-अक्सा मस्जिद को लेकर यहूदियों का अपना एक अलग मत है।

अल-अक्सा को लेकर क्या कहते हैं ईसाई? (Al-Aqsa Mosque Christian belief)
ईसाई धर्म को मानने वाले भी अल-अक्सा को अपना पवित्र स्थान मानते हैं। उनका कहना है कि यही वो जगह है जहां प्रभी यीशु को फांसी दी गई थी। इस बात को साबित करने के लिए उनका अपने तर्क हैं। इस तरह अल-अक्सा मस्जिद को लेकर मुस्लिम, यहूदी और ईसाइयों का अपना-अपना दावा है।


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