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Janmashtami: श्रीकृष्ण के 5 अनमोल विचार, जो आपकी लाइफ में ला सकते हैं पॉजिटिव चेंज
Janmashtami Special: 16 अगस्त के दिन जन्माष्टमी मनाई जाने वाली है। ऐसे मौके पर आइए जानते हैं श्री कृष्ण से जुड़े उन विचारों के बारे में, जिसके अपनाने से आपका जीवन मंगलमय हो सकता है।

श्री कृष्ण के 5 अनोखे विचार जीत लेंगे दिल
Janmashtami Shri Krishna Vichar: श्री कृष्ण ये नाम सुनते और बोलते ही मन को एक अद्भुत शांति की प्राप्ति होती है। ये वो नाम है, जिसका जाप करने से ही जिंदगी के सार दुख नष्ट हो जाते हैं। कभी-कभी मन में ये भावना जरूर आती है कि काश एक बार प्रभु के दर्शन हमें हो जाएं। भले ही ऐसा संभव ना हो, लेकिन उनके विचार और सीख को हम अपनी जिंदगी में उतार सकते हैं। श्रीकृष्ण ने गीता के जरिए हम सभी का मार्गदर्शन करने का काम बखूबी किया है। श्री कृष्ण से जुड़े उन विचारों को यदि हम अपने जीवन में उतारते हैं तो हमारे आसपास सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जन्माष्टमी के मौके पर जानिए कौन से हैं वो विचार जिन्हें हमें श्री कृष्ण से अपनाना चाहिए।
1. सहयोग-समर्पण की भावना
श्री कृष्ण ने हमें हमेशा इस बात का मार्गदर्शन दिया है कि सहयोग और समर्पण की सहायता से हम अपना लक्ष्य आसानी से प्राप्त करते हैं, जो कि एक मजबूत समाज का निर्माण करता है। ऐसा करने से हमें व्यक्तिगत विकास करने में भी मजबूती मिलती है।
कर्म का जिंदगी में महत्व
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कर्म के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा,कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, जिसका अर्थ है कि हमें अपना काम बेहद ही ईमानदारी के साथ करना चाहिए। बिना उसके परिणाम के बारे में सोचे। ऐसा करने से हमें सफलता हासिल होती है।
स्वधर्म का करें पालन
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें मुश्किल परिस्थितियों में कैसे आगे बढ़ाना है उसके बारे में भी सीख दी है। उन्होंने कहा कि कैसे ऐसे मुश्किल वक्त में हमें अपने धर्म और कर्म दोनों की रक्षा करनी चाहिए। इससे हमें आंतरिक शांति प्राप्त हो सकती है।
नारी का सम्मान सबसे ऊपर
नारी का सम्मान रखने के लिए ही श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का अंत किया था। करीब 16,100 महिलाओं को उसने कैदी बनाकर रखा हुआ था। श्री कृष्ण ने उन सभी महिलाओं को मुक्त करवाया और उन्हें अपनी पत्नी का दर्ज दिया। भहाभारत में भी नारी शक्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण खड़े रहे थे।
रिश्तों के बिना जीवन अधूरा
भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन में जिन-जिन व्यक्तियों से मुलाकात की वो उन्हें कभी नहीं भूले। चाहे वो उनके बचपन के दोस्त सुदामा हो या फिर युवावस्था में मिले अर्जुन। वक्त आने पर श्री कृष्ण ने दोनों का साथ बखूबी दिया है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, उसकी पुष्टि एशियानेट हिंदी नहीं करता है। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।