सार

Shani Jayanti 2024: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश कहा जाता है। शनि से संबंधित अनेक मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं जैसे एक क्रूर ग्रह है और शनि की साढ़ेसाती हमेशा अशुभ फल ही देती है।

 

Shani Jayanti 2024 Kab Hai: हर साल ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 6 जून, गुरुवार को है। शनि से संबंधित अनेक मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित है, उनमें से एक मान्यता ये भी है कि जब किसी पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव होता है तो उस व्यक्ति का बुरा समय शुरू हो जाता है और साढ़ेसात साल तक उसके जीवन में परेशानियां बनी रहती है। आगे जानिए क्या होती है शनि की साढ़ेसाती और इससे जुड़ी खास बातें…

क्या होता है शनि की साढ़ेसाती? ( Kya Hoti Hai Shani Ki Sade Sati?)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी राशि से 12 वें स्थान पर शनि आता है तो साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। साढ़ेसाती में ढाई-ढाई साल के तीन चरण होते हैं। शनि जिस राशि में होता है तो उसके आगे वाली राशि पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण होता है, जिस राशि में स्थित होता है, उस पर दूसरा चरण का प्रभाव होता है और पीछे वाली राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण होता है।

किन राशियों पर अभी है शनि की साढ़ेसाती? (Shani Ki Sade Sati 2024)
वर्तमान में शनि कुंभ राशि में स्थित है, ये शनि के स्वामित्व की ही राशि है। शनि के कुंभ राशि में होने इसके आगे की राशि यानी मीन पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा है। कुंभ राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण है और मकर पर साढ़ेसाती का उतरती हुई साढ़ेसाती है।

शनि की साढ़ेसाती को क्यों मानते हैं अशुभ? (Shani Ki Saadesati Kyo Hoti Hai Ashubh)
शनि की साढ़ेसाती के बारे में ये कहा जाता है कि जिस पर भी इसका प्रभाव होता है, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। साढ़ेसाती का पूरा समय एक जैसा नहीं रहता, उसमें भी परिवर्तन आता है। साढ़ेसाती का प्रथम चरण सबसे ज्यादा परेशान करने वाला होता है। जबकि दूसरे चरण में शनि का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है और अंतिम चरण शुभ फल प्रदान करता है। कहते हैं कि साढ़ेसाती के अंतिम चरण में शनिदेव व्यक्ति को उसके शुभ कर्मों का फल प्रदान करते हैं। साढ़ेसाती के अंतिम चरण में विवाह, संतान, नौकरी आदि शनिदेव की कृपा से प्राप्त होती है।


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