सार

Ashadha Gupt Navratri 2024: इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का पर्व 6 से 15 जुलाई तक मनाया जाएगा। चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने से ये नवरात्रि 9 दिनों की न होकर 10 दिनों की रहेगी।

 

Ashadha Gupt Navratri 2024 Facts: धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में 4 नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 गुप्त और 2 प्रकट नवरात्रि होती है। आषाढ़ मास में भी गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 6 से 15 जुलाई तक मनाई जाएगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, हर साल देवी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती है। देवी के वाहन के अनुसार ही देश-दुनिया में होने वाली घटनाओं के बारे में विचार किया जाता है। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में देवी जिस वाहन पर आ और जा रही है, वो अशुभ संकेत दे रहा है।

ये हैं देवी के आने का वाहन
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता

ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, ऊपर बताए गए श्लोक के अनुसार, जब नवरात्रि का आरंभ शनिवार से होता है तो उनका वाहन घोड़ा होता है। मान्यता है कि जब देवी घोड़े पर सवार होकर धरती पर आती है तो इससे प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, भूकंप, आगजनी और हिमस्खलन आदि घटनाओं में वृद्धि होती है, जिससे जान और माल दोनों की हानि होने का अंदेशा रहता है।

ये हैं देवी के जाने का वाहन
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥

धर्म ग्रंथों के अनुसार, माता दुर्गा आती भी वाहन से हैं और जाती भी वाहन से हैं। जिस दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होता है, उसी के अनुसार देवी का वाहन भी तय होता है। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का समापन सोमवार को होगा, यानी इस बार देवी के जाने का वाहन भैंसा होगा। मान्यता है कि ऐसा होने पर देश में रोग और शोक की वृद्धि होती है। जनता में आक्रोश रहता है और सत्ता में अस्थिरता का माहौल रहता है।


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