सार

Karwa Chauth 2024: इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर, रविवार को किया जाएगा। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। क्या कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत रख सकती हैं, जानें विद्वान क्या कहते हैं?

 

करवा चौथ हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस बार ये व्रत 20 अक्टूबर, गुरुवार को किया जाएगा। इस व्रत का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। सुहागिन महिलाएं ये व्रत अपने पति की लंबी उम्र और घर की सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। ऐसे में एक प्रश्न सभी के मन में उठता है कि क्या कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत कर सकती हैं। जानें जानिए उज्जैन के ज्योतिषाचार्य क्या कहते हैं इस बारे में…

करवा चौथ व्रत से बढ़ती है पति की उम्र
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, करवा चौथ का व्रत हिंदू परंपरा का एक प्रमुख त्योहार है। इसका वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों में मिलता है। ये व्रत मूल रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत के दौरान कुछ भी खाती-पीती नहीं है और शाम को चंद्रमा को देखने के बाद ही ये व्रत पूरा करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी पति की उम्र बढ़ती है। ये परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है।

क्या कुंवारी लड़कियां कर सकती हैं ये व्रत?
आज-कल कुंवारी लड़कियां भी मनचाहे पति की कामना से करवा चौथ का व्रत करने लगी हैं, क्या से सही है? इस बारे में ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा का कहना है कि गणेश पुराण और स्कंद पुराण में करवा चौथ की कथा आई है, उसके अनुसार अपने प्रियतम या होने वाली पति की आयु को लंबी करने के लिए यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं। जिन लड़कियोंकी सगाई हो चुकी है, वे भी ये व्रत कर सकती हैं।

क्या है करवा चौथ का असली नाम?
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, करवा चौथ व्रत का असली नाम कर्क चतुर्थी है। गणेश पुराण में इस व्रत से संबंधित अनेक बातें बताई गई हैं। सिर्फ महिला हीं नहीं बल्कि पुरुष भी ये व्रत कर सकते हैं। ये व्रत मूल रूप से भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।


ये भी पढ़ें-

Karva Chauth 2024: करवा चौथ पर राशि अनुसार पत्नी को क्या गिफ्ट दें?


Karwa Chauth 2024: मरकर कैसे जीवित हुआ वीरावती का पति? पढ़ें करवा चौथ की ये कथा


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।