सार
Vivah Panchami 2024: हर साल अगहन यानी मार्गशीर्ष मास में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व क्यों मनाते हैं, इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। भगवान श्रीराम के मंदिरों में ये पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
Vivah Panchami 2024 Date: हिंदू पंचांग का नौवां महीना अगहन बहुत ही खास है, इसे मार्गशीर्ष भी कहते हैं। इस महीने में कईं बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, विवाह पंचमी भी इनमें से एक है। ये पर्व अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ये पर्व क्यों मनाते हैं और इसे विवाह पंचमी क्यों कहते हैं, इस बारे में बहुत कम लोगों को पता है। आगे जानिए कब है विवाह पंचमी और इससे जुड़ी खास बातें…
क्यों मनाते हैं विवाह पंचमी पर्व?
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरित मानस के अनुसार, त्रेता युग में अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही भगवान श्रीराम का देवी सीता के साथ विवाह हुआ था। तभी से हर साल इस तिथि पर विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्रीराम मंदिरों में धूम होती है और श्रीराम-सीता का विवाहोत्सव मनाया जाता है।
कब है विवाह पंचमी 2024?
पंचांग के अनुसार, इस बार अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 दिसंबर, गुरुवार की दोपहर 12 बजकर 49 मिनिट से शुरू होगी, जो 06 दिसंबर, शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 08 मिनिट तक रहेगी। चूंकि पंचमी तिथि का सूर्योदय 6 दिसंबर को होगा, इसलिए इसी दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और प्रजापति नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।
अयोध्या-नेपाल में होगा खास आयोजन
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद पहली बार विवाह पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर रामलला की बारात नेपाल के जनकपुर जाएगी, जहां 4 दिनों तक राम-सीता का विवाहोत्सव भव्य रूप में मनाया जाएगा। विवाह के दौरान जितनी भी रस्में होती हैं, वो सभी यहां पूरी की जाएंगी। मान्यता के अनुसार, त्रेतायुग में राम-सीता का विवाह नेपाल के जनकपुर में ही हुआ था, इसलिए वहां के लोग देवी सीता को अपनी बेटी और भगवान श्रीराम को अपना दामाद मानते हैं।
ये भी पढ़ें-
Chankya Niti: किन 5 को नींद से जगाना बेवकूफी? इन्हें सोते ही रहने दें
Hindu Beliefs: ब्राह्मण क्यों नहीं खाते मसूर की दाल, क्यों इसे मानते हैं नॉनवेज?
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।