सार
Chandra Grahan 2023 Date And Time In India :14 अक्टूबर को साल 2023 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। इसके ठीक 15 दिन बाद चंद्रग्रहण भी होगा। ये ग्रहण कईं मायनों में काफी खास रहेगा। इस ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। यहां जानें पूरे डिटेल
उज्जैन. 14 अक्टूबर, शनिवार को साल 2023 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। इसके ठीक 15 दिन बाद चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) भी होगा। ये चंद्रग्रहण बहुत ही खास होगा। 15 दिनों में दो ग्रहण होना शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है कि ऐसा होने से देश-दुनिया पर कईं तरह की परेशानियां आ सकती हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में होने वाले चंद्रग्रहण को लेकर भी लोगों के मन में कईं सवाल हैं। आगे जानिए चंद्रग्रहण से जुड़ी पूरे डिटेल…
कब होगा चंद्रग्रहण? (Chandra Grahan October 2023 Date In India)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर, शनिवार की रात को होगा। इस दिन आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि रहेगी, जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग एक दुर्लभ घटना है।
क्या रहेगा चंद्रग्रहण का समय? (Chandra Grahan October 2023 Timing In India)
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, 28 अक्टूबर, शनिवार को चंद्रग्रहण की शुरूआत रात 01.05 से होगी, जो रात 02.24 पर समाप्त हो जाएगा। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 19 मिनिट रहेगी। ग्रहण काल के दौरान चंद्रमा को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
क्या ये चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा? (October 2023 Mai Kab Hoga Chandra Grahan)
28 अक्टूबर, शनिवार की रात को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में दृश्य होगा यानी इसे देश के कईं हिस्सों में आसानी से देखा जा सकता है। इसीलिए इसके सूतक आदि सभी नियम यहां मान्य होंगे। ये इस साल का पहला और अंतिम ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा।
क्या रहेगा सूतक काल का समय? (Chandra Grahan 2023 Sutak Timing In India)
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस हिसाब से चंद्रग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर, शनिवार की शाम 04.05 मिनट से प्रारंभ होगा, जो ग्रहण के साथ ही यानी रात 02:24 पर समाप्त होगा।
सूतक काल में क्या न करें? (What not to do during Sutak Kaal)
धर्म ग्रंथों के अनुसार ग्रहण के सूतक काल में भोजन करना, सोना, मैथुन, पूजा आदि काम नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा का चंद्र ग्रहण का संयोग इसके पहले 8 अक्टूबर 2014 को यानी 9 साल पहले बना था।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।