सार

Mahakal Bhasmarti: भगवन शिव का प्रिय सावन मास 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू होने वाला है। इस दौरान सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

 

उज्जैन. इस बार सावन मास (Sawan 2023) 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। लगभग सभी प्रमुख मंदिरों में सावन के लेकर व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया है। उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakal Temple Ujjain) भी इनमें से एक है। यहां मंदिर प्रबंध समिति ने श्रृद्धालुओं की संख्या को देखते हुए रोज होने वाली भस्मारती (Mahakal Bhasmarti) के समय में परिवर्तन किया है।

सावन के दौरान ये रहेगा भस्मारती का समय (Mahakal Bhasmarti Time In Sawan 2023)
सावन मास के दौरान भक्तों की संख्या को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रंबंध समिति ने अपनी व्यवस्थाओं में परिवर्तन किए हैं। इसके अंतर्गत रोज सुबह 4 बजे की जाने वाली भस्म आरती सोमवार को छोड़कर तड़के 3 बजे की जाएगी। वहीं प्रत्येक सोमवार को इसका समय रात 2.30 बजे का रहेगा। इसके बाद भक्त दिन भर भगवान महाकाल के दर्शन कर जल-पुष्प चढ़ा सकेंगे।

क्यों खास है भस्मारती? (Why is Bhasmarti special?)
12 ज्योतिर्लिगों में से एक मात्र महाकालेश्वर में ही भस्मारती की परंपरा है। मान्यता है कि किसी समय मुर्दे की भस्म से भस्मारती की जाती थी, लेकिन बाद में ये नियम बदल दिया गया। वर्तमान में कपिला गाय के गोबर से बने कंडे, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलतास आदि पेड़ की लकडि़यों को जलाकर भस्म तैयार की जाती है। इसे से भस्मारती की जाती है।

आप कैसे कर सकते हैं भस्मारती के दर्शन? (How can you visit Bhasmarti?)
अगर आप भी सावन में महाकाल के भस्मारती के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए तीन माध्यम हैं। सबसे पहले है ऑनलाइन, इसके लिए आपको महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करनी होगी, ये व्यवस्था सशुल्क है। अगर यहां बुकिंग फुल हो जाएं तो फिर आपको मंदिर के समीप बने भस्मारती काउंटर पर जाकर एक फार्म भरना होगा। इसमें अधिकतम 150 लोगों को प्रतिदिन अनुमति दी जाती है। ये व्यवस्था नि:शुल्क है। इसके अलावा प्रोटोकॉल के तहत भी भस्मारती की अनुमति ली जा सकती है।

70 दिनों तक बंद रहेगा महाकाल गर्भगृह में प्रवेश
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने एक निर्णय ये भी लिया है कि सावन मास के दौरान भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा। ये नियम 4 जुलाई से लागू होगा, जो 11 सितंबर तक रहेगा, यानी लगभग 70 दिनों तक। सावन मास के प्रत्येक सोमवार और भादौ के प्रथम 2 सोमवार को भगवान महाकाल की 10 सवारी इस बार निकाली जाएगी।


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