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Mahashivratri 2024: 3 हजार फीट ऊंचाई पर है ये मंदिर, यहीं किया था महादेव ने ‘भीम’ का वध, और भी रहस्य जुड़े हैं यहां से
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महाशिवरात्रि 8 मार्च को
महाराष्ट्र के पुणे में यूं तो भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इन सभी में सबसे खास है भीमाशंकर। 12 ज्योतिर्लिंगों में से ये छठे स्थान पर आता है। ये मंदिर पुणे से लगभग 110 किमी भोरगिरि गांव खेड़ में स्थित सह्याद्रि पर्वत पर है। इस मंदिर के पास ही भीमा नदी बहती है। इस मंदिर से जुड़ी अनेक मान्यताएं और परंपरां प्रचलित हैं। प्रतिदिन लाखों लोग यहां दर्शन करने आते हैं। महाशिवरात्रि (8 मार्च) के मौके पर जानिए भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी खास बातें…
ऐसा है भीमाशंकर मंदिर का स्वरूप
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग 3,250 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां स्थित ज्योतिर्लिंग तो हजारों साल पुराना है, लेकिन वर्तमान में जो मंदिर है वो 18वीं सदी में बनाया गया है। कहते हैं कि मराठा शासक शिवाजी ने इस मंदिर की पूजा के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की। ये मंदिर नागर शैली में बना है जो विश्वकर्मा वास्तुशिल्पियों की कौशल श्रेष्ठता का उदाहरण हैं। यहां आस-पास प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं। मराठा शासक नाना फड़नवीस द्वारा बनवाया गया एक बड़ा घंटा भीमशंकर की एक विशेषता है।
यहां दर्शन करने से दूर होते हैं 7 जन्मों के पाप
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग आकार में काफी मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार, जो व्यक्ति रोज सुबह सूर्य निकलने के बाद इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है और जीवन के हर दुख से छुटकारा मिल जाता है।
महादेव ने किया था भीमा राक्षस का वध
- शिवपुराण के अनुसार, रावण के छोटे भाई कुंभकर्ण का एक बेटा था, जिसका नाम भीम था। ब्रह्मदेव से वरदान पाकर वह अत्यंत शक्तिशाली हो गया और उसने इंद्र आदि सभी देवताओं को हरा दिया। कामरूप देश के राजा सुदक्षिण शिवजी का परम भक्त था। भीम ने उसे भी कैद कर लिया।
- कैद में रहकर राजा सुदक्षिण ने एक पार्थिव शिवलिंग बनाया और उसी की पूजा करने लगा। ये देखकर भीम और भी क्रोधित हो गया और राजा सुदक्षिण को मारने दौड़ा, वैसे ही वहां भगवान शिव साक्षात प्रकट हो गए। भगवान शिव और राक्षस भीम के बीच भयंकर युद्ध हुआ।
- अंत में भगवान शिव ने भीम तथा अन्य राक्षसों को भस्म कर दिया। ऋषि-मुनियों और राजा सुदक्षिण के आग्रह पर महादेव उसी स्थान पर ज्योतिर्लिंग रूप में स्थापित हो गए। राक्षस भीम का वध करने के कारण ये ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर कहलाया। इसलिए इस मंदिर का विशेष महत्व है।
कैसे पहुंचे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग?
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर तक पहुंचने के लिए पुणे से बस सुविधा व टैक्सी आसानी से मिल जाती है। पुणे पूरे देश से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- भीमाशंकर मंदिर के सबसे पास का रेलवे स्टेशन पुणे है। पुणे से भीमाशंकर के लिए बस व टैक्सियां उपलब्ध हैं।
- पुणे में ही हवाई अड्डा भी है। आप पुणे तक वायु सेवा की मदद ले सकते हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।