MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Religion
  • Spiritual
  • Maha Shivratri 2024: 12 ज्योतिर्लिंगों में से कौन-सा है अंतिम? जानें इसका नाम, महत्व, कथा, इतिहास सहित हर रोचक बात

Maha Shivratri 2024: 12 ज्योतिर्लिंगों में से कौन-सा है अंतिम? जानें इसका नाम, महत्व, कथा, इतिहास सहित हर रोचक बात

Maha Shivratri 2024 Kab Hai: 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम है घृष्णेश्वर। इस ज्योतिर्लिंग का वर्णन भी शिवपुराण सहित अनेक धर्म ग्रंथों में मिलता है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेता है उसे दुनिया का हर सुख मिल जाता है। 

4 Min read
Manish Meharele
Published : Mar 04 2024, 11:02 AM IST| Updated : Mar 07 2024, 04:10 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
16
12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम है घृष्णेश्वर
Image Credit : wikipedia

12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम है घृष्णेश्वर

Interesting facts related to Ghushmeshwar Jyotirlinga: महाराष्ट्र के औरंगाबाद के नजदीक स्थित दौलताबाद बहुत प्रसिद्ध स्थान है। इसे मराठाओं ने बताया था। यहां से लगभग 11 किलोमीटर दूर है वेरुलगांव। यहां स्थित है 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम घूश्मेश्वर। इसे घृष्णेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। यहां स्थित ज्योतिर्लिंग हजारों साल पुराना है, वहीं मंदिर का निर्माण कुछ सौ साल पहले देवी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन व पूजन से सुखों में वृद्धि होती है। महाशिवरात्रि (8 मार्च, शुक्रवार) के मौके पर जानिए घूश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी खास बातें…

26
कैसा है घूश्मेश्वर मंदिर का स्वरूप?
Image Credit : pinterest

कैसा है घूश्मेश्वर मंदिर का स्वरूप?

घूश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में रोज हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के 3 द्वार हैं। गर्भगृह के सामने विशाल सभा मंडप है, जो पत्थरों के मजबूत खंबों पर टिका हुआ है। इस खंबों पर सुंदर नक्काशी की हुई है, जो वास्तु कला अद्भुत उदाहरण है। सभा मंडप में ही नंदीजी की प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर के पास ही एक सरोवर भी है, जिसे शिवालय कहते हैं। मान्यता है कि जो इस सरोवर के दर्शन करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है।

36
ये है घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथा (Story Of Ghushmeshwar Jyotirlinga)
Image Credit : facebook

ये है घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कथा (Story Of Ghushmeshwar Jyotirlinga)

शिवपुराण के अनुसार, किसी समय देवगिरि पर्वत के पास सुधर्मा नामक शिव भक्त ब्राह्मण अपनी पत्नी सुदेहा के साथ रहता था। उन दोनों की कोई संतान नहीं थी। संतान की इच्छा से सुदेहा ने अपने पति का दूसरा विवाह छोटी बहन घुश्मा से करवा दिया। वह भी शिवभक्त थी। घूश्मा प्रतिदिन 101 पार्थिव शिवलिंग बनाकर तालाब में विसर्जित करती थी।
- जल्दी ही घुश्मा ने एक पुत्र को जन्म दिया। यह देख सुदेहा मन ही मन जलने लगी। समय आने पर उस पुत्र का भी विवाह हो गया। इससे सुदेहा की जलन और भी बढ़ गई। एक दिन सुदेहा ने मौका पाकर घुश्मा के पुत्र का वध कर दिया और उसका शव तालाब में फेंक आई।
- सुबह जब घुश्मा की पुत्रवधू ने पति के बिस्तर पर खून देखा तो बहुत डर गई। उसने यह बात घुश्मा व सुधर्मा को बताई। वे उस समय शिवजी की पूजा कर रहे थे। पुत्र के बारे में सुनकर भी शिव पूजन करते रहे। उन्होंने कहा कि शिवजी की कृपा से पुत्र प्राप्ति हुई थी, वे ही रक्षा करेंगे।
- पूजा के बाद जब घुश्मा शिवलिंग विसर्जन करने तालाब पर गई तो उसे अपना पुत्र वहीं खड़ा दिखाई दिया। उसी समय वहां महादेव प्रकट हुए और उन्होंने घुश्मा से वरदान मांगने को कहा। घुश्मा ने कहा कि ‘आप भक्तों की रक्षा के लिए सदा यहां निवास कीजिए।’ तब से महादेव वहां घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए।

46
पूरी होती है संतान की कामना (significance Of Ghushmeshwar Jyotirlinga)
Image Credit : facebook

पूरी होती है संतान की कामना (significance Of Ghushmeshwar Jyotirlinga)

मान्यता है कि जो भी नि:संतान दंपत्ति घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग आकर यहां दर्शन और विशेष पूजन करते हैं, उन्हें योग्य संतान की प्राप्ति होती है। यहीं कारण है कि यहां प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं और योग्य संतान की कामना करते हैं। समीप स्थित शिवालय सरोवर का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि यह वही सरोवर है जहां घुश्मा प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन करती थी।

56
ये स्थान भी हैं देखने योग्य
Image Credit : facebook

ये स्थान भी हैं देखने योग्य

घृष्णेश्वर मंदिर से 8 किलोमीटर दूर दक्षिण में दौलताबाद का किला है। ये किला मराठाओं के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। यहां पर धारेश्वर नामक शिवलिंग भी स्थित है। यहीं पर श्री एकनाथजी के गुरु श्री जनार्दन महाराजजी की समाधि भी है। यहां से नजदीक ही एलोरा की विश्व प्रसिद्ध गुफाएं भी हैं। पहाड़ को काट इन गुफाओं का निर्माण किया गया है। यहां की कलाकारी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

66
कैसे पहुंचें घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग? (How To Reach Ghushmeshwar Jyotirlinga)
Image Credit : facebook

कैसे पहुंचें घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग? (How To Reach Ghushmeshwar Jyotirlinga)

- दौलताबाद का सबके नजदीकी एयरपोर्ट औरंगाबाद में ही है जो यहां से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
- दौलताबाद से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भी औरंगाबाद में ही है। यहां आकर टैक्सी या बस से दौलताबाद तक आया जा सकता है।
- महाराष्ट्र का दौलताबाद सड़क मार्गों से भी पूरे देश से जुड़ा हुआ है। निजी वाहन या टैक्सी से यहां आसानी से आया जा सकता है।


ये भी पढ़ें-

Mahashivratri 2024: शिवजी की कैसी तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए?


Mahashivratri 2024: एकमात्र ज्योतिर्लिंग जो 4 धामों में से 1 भी है, स्वयं श्रीराम ने की स्थापना, श्रीलंका के राजा ने बनवाया गर्भगृह


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved