चौंसठ योगिनियां केवल देवियां ही नहीं हैं, बल्कि उन्हें शक्ति की अनंत धारा माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वे ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी पूजा गूढ़ और तांत्रिक विधियों से की जाती है। 

Shardiya Navratri 2025: 64 योगिनियां केवल देवियां ही नहीं, बल्कि शक्ति की अनंत धारा हैं। ऐसा माना जाता है कि शक्ति का हर रूप पूजनीय है, कभी उग्र, कभी सौम्य, तो कभी रहस्यमय। इनकी आराधना करके भक्त अपने जीवन को नए आयाम दे सकते हैं और अलौकिक ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि ये योगिनियां शक्ति के अदृश्य और विशाल रूप हैं, जो ब्रह्मांड की प्रत्येक ऊर्जा को नियंत्रित करती हैं। भारत में कई मंदिर मौजूद हैं, जिन्हें चौंसठ योगिनी मंदिर के रूप में जाना जाता है, जैसे हीरापुर (ओडिशा), मुरैना (मध्य प्रदेश), जबलपुर (मध्य प्रदेश) और रानीपुर।

64 योगिनियां कौन हैं?

पौराणिक कथा के अनुसार, जब परम शक्ति ने ब्रह्मांड की रचना की, तो उन्होंने अपने शरीर से 64 दिव्य शक्तियों की रचना की। ये रूप बाद में योगिनियां कहलाए। इन्हें न केवल आध्यात्मिक साधना में सहायक माना गया, बल्कि ये ब्रह्मांडीय ऊर्जा और रहस्यमय शक्तियों को नियंत्रित करने वाली अधिष्ठात्री देवी भी बनीं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इनकी पूजा करते हैं, वे भय से मुक्त होकर असाधारण शक्तियां प्राप्त कर सकते हैं।

योगिनियों की साधना गुप्त क्यों है?

योगिनियों की साधना आमतौर पर खुले तौर पर नहीं की जाती। यह साधना मुख्यतः तांत्रिक विधियों और गुप्त मंत्रों पर आधारित है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई साधक 64 योगिनियों की सही विधि से पूजा करता है, तो उसे दिव्य दृष्टि, अपनी शक्तियों पर नियंत्रण और जीवन के हर पहलू में सफलता प्राप्त होती है।

64 योगिनियों के नाम

शास्त्रों में वर्णित 64 योगिनियों के नाम अलग-अलग परंपराओं में थोड़े भिन्न हैं, लेकिन योगिनी तंत्र और शक्तिसंगम तंत्र में वर्णित मुख्य सूची इस प्रकार है।

  • अम्भा
  • धूमावती
  • दैनिक
  • गणेश्वरी
  • गंधर्विका
  • वेतालिका
  • लक्ष्मी
  • रुद्राणी
  • वज्रेश्वरी
  • यमघंटा
  • इंद्राणी
  • यक्षिणी
  • बाघ की खाल
  • कालिका
  • चंडिका
  • माहेश्वरी
  • षंडकालि
  • वाराही
  • नटेश्वरी
  • कौमार्य
  • चामुंडा
  • कौशिकी
  • भैरवी
  • कार्तिकी
  • ब्राह्मणी
  • वैष्णवी
  • क्षेमंकरी
  • रौद्री
  • नारायणी
  • एंड्री
  • कौशलेश्वरी
  • कपालिनी
  • भद्र
  • विन्ध्यवासिनी
  • कात्यायनी
  • कोटवी
  • तारा
  • साकंबरी
  • काली रात
  • भद्रकाली
  • मातंगी
  • कामेश्वरी
  • अष्टलक्ष्मी
  • अष्टमातृका
  • षोडशी
  • वज्रवाहिनी
  • गजमुखी
  • बगलामुखी
  • अन्नपूर्णा
  • छिन्नमस्ता
  • उग्र तारा
  • भीमेश्वरी
  • महालक्ष्मी
  • काली
  • भुवनेश्वरी
  • रानी मां
  • शूलिनी
  • दुर्गा
  • चंद्रघंटा
  • सिद्धलक्ष्मी
  • विंध्येश्वरी
  • महाकाली
  • त्रिपुरसुंदरी
  • कामाख्या

योगिनी मंदिरों का रहस्य

इन योगिनियों की महिमा इतनी गुप्त और शक्तिशाली है कि इनके मंदिर भी साधारण नहीं हैं। 64 योगिनी मंदिरों में से अधिकांश गोलाकार या अर्धवृत्ताकार आकार में बने हैं, जिनमें खुला आकाश दिखाई देता है। यह इस बात का प्रतीक है कि योगिनियाँ आकाश जैसी अनंत और विशाल ऊर्जा की प्रतीक हैं। कहा जाता है कि इन मंदिरों में साधना करके भक्त सीधे ब्रह्मांडीय शक्ति से जुड़ सकता है।

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