सार
Nirjala Ekadashi Par Kya Na Kare:ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 31 मई, बुधवार को है। शुभ फल पाने के लिए इस दिन कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-उपवास करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से हर तरह का सुख मिलता है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2023) को साल की सबसे बड़ी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 31 मई, बुधवार को है। आगे जानिए इस दिन क्या करें-क्या नहीं…
तामसिक भोजन न करें
एकादशी तिथि को धर्म ग्रंथों में बहुत ही पवित्र माना गया है, इसलिए इस दिन भूलकर तामसिक भोजन जैसे मांस, अंडे आदि का सेवन न करें। साथ ही साथ प्याज, लहसुन और गर्म मसालों से बने भोजन का भी त्याग करें। ऐसा भोजन करने से शरीर में उत्तेजना पैदा होती है जो गलत काम करने के लिए प्रेरित करती है।
किसी भी तरह का नशा न करें
एकादशी तिथि पर किसी भी तरह का नशा जैसे शराब, भांग आदि न करें। नशा करने के बाद व्यक्ति को अच्छे-बुरे का भान नहीं रहता और वो ऐसे काम भी कर बैठता है जो उसे नहीं करना चाहिए। इसलिए भूलकर भी निर्जला एकादशी पर किसी भी तरह का नशा न करें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें
निर्जला एकादशी पर ब्रह्मचर्य का पालन करें यानी पत्नी से दूर रहें। धर्म ग्रंथों के अनुसार, एकादशी तिथि पर सात्विक आचरण करना चाहिए। इसलिए इस दिन मन, वचन और कर्म से ब्रह्मचर्य का पालन करें। यानी न तो बुरे विचार मन में लाएं और न हीं किसी से भी इस तरह की कोई बात करें।
किसी पर गुस्सा न करें
निर्जला एकादशी पर सात्विक रहते हुए दिन बिताएं। इसके लिए किसी पर भी गुस्सा न करें। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर दें। साथ ही किसी के लिए अपशब्दों का उपयोग न करें। जो व्यक्ति निर्जला एकादशी पर गलत आचरण करता है, उसे बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
चावल न खाएं
वैसे तो निर्जला एकादशी पर उपवास रखने का नियम है लेकिन जो लोग उपवास न करें, उन्हें इस दिन चावल खाने से भी बचना चाहिए। एकादशी तिथि पर चावल खाना महापाप माना गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, एकादशी तिथि पर चावल खाने से अगले जन्म में व्यक्ति को कीड़े की योनि मिलती है।
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