कई बार अचानक खर्चे बढ़ने लगते हैं। बहुत प्रयास करने पर भी धन की बचत नहीं हो पाती है। परिणामस्वरूप घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है। क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे वास्तु दोष भी हो सकता है।
प्रत्येक व्यक्ति के जन्म समय और तिथि के अनुसार ग्रह, नक्षत्रों की गणना करके कुंडली बनती है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग बनते हैं।
महाभारत काल के महात्मा विदुर जी को महान विचारक माना जाता है। वे बहुत ज्ञानी और सरल स्वभाव के थे। यही कारण था कि विदुर जी भगवान कृष्ण जी के भी प्रिय थे।
उज्जैन. हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक कामों के बारे में बताया गया है जिन्हें करने से शुभ फलों की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही मन में शांति का अनुभव भी होता है। ये काम बहुत ही आसान है। कोई भी व्यक्ति ये काम आसानी से कर सकता है। ये काम हमारे दैनिक जीवन से जुड़े हैं। आगे जानिए इन कामों के बारे में…
आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित नीति शास्त्र में जीवन के कई क्षेत्रों से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताया गया है। इतने वर्षों के बाद भी नीति शास्त्र की बातें आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।
इस बार 14 जून, सोमवार को पुष्य नक्षत्र शाम 6.23 तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र सोमवार को होने से ये सोम पुष्य कहलाएगा। इसी दिन विनायकी चतुर्थी भी है। सोमवार को पुष्य नक्षत्र और विनायकी चतुर्थी होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी घर में बनी हुई खिड़कियां उस भवन के वास्तु को प्रभावित करती हैं। इनके सही दिशा में होने से जहां सुख-समृद्धि की खिड़कियां खुल जाती हैं वहीं इनके गलत दिशा में होने से भाग्य बंद भी हो सकता है।
हमारे धर्म ग्रंथों में उत्तम संतान के लिए अनेक मंत्र, अनुष्ठान, हवन और व्रत आदि बताए गए हैं। उन्हीं में से एक है संतान गोपाल मंत्र।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है और मंगल ग्रह भी बलवान होता है।
वीडियो डेस्क। शनि जयंती का दिन बहुत पावन माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था। शनि को ज्योतिष में पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि जयंती के पावन दिन विधि- विधान से शनि महाराज की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन ये छोटा सा उपाय करने से भगवान शनि प्रसन्न हो जाते हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार राजा दशरथ ने भी इसी उपाय से भगवान शनि को प्रसन्न किया था। शनि जयंती के पावन दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ जरूर करें। दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से शनि देव का आर्शाीवाद मिलता है और वो जल्द ही प्रसन्न होते हैं।