आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के साथ राजा और विद्वान ब्राह्मण की ताकत के बारे में बताया है। उन्होने नीति शास्त्र के सातवें अध्याय के ग्यारहवें श्लोक में स्त्रियों को ताकतवर बताया है। उनके अनुसार स्त्रियां अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर सकती हैं और वो जो चाहे दूसरों से करवा सकती हैं।
परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य और उनके जीवन की खुशहाली के लिए यह जरूरी है कि आपके घर में रसोई भी वास्तु सम्मत हो। रसोई, घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
हिंदू धर्म में यज्ञ और हवन करने की परंपरा सदियों पुरानी है। यज्ञ और हवन करते समय कई नियमों का पालन किया जाता है। यज्ञ और हवन में आहुति डालते समय स्वाहा जरूरी बोला जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आहुति डालते समय स्वाहा न बोला जाए तो देवता उस आहुति को ग्रहण नहीं करते।
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं का वर्णन किया है। चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं और लोगों को सुखी और खुशहाल जीवन बिताने में मदद करती हैं। नीति शास्त्र में चाणक्य ने माता-पिता को लेकर भी कई बातें लिखी हैं।
आज (14 मई, शुक्रवार) अक्षय तृतीया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल होता है। इस कारण लोग अक्षय तृतीया पर विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ करते हैं।
अक्षय तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में से एक है इसलिए इसका बड़ा महत्व है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है।
यदि कोई व्यक्ति चाणक्य नीति में बताई गई बातों का पालन करता है तो वह अपने जीवन को सफल बना सकता है। भौतिक सुख-संसाधनों की प्राप्ति के लिए धन आवश्यक होता है। धन के महत्व को समझाते हुए आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कुछ विशेष लोगों की आदतों के कारण उनके पास धन कभी नहीं रुकता है। उनका संपूर्ण जीवन दरिद्रता में ही बीतता है।
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके जीवन में हर तरह से खुशियां बनी रहें। इसके लिए वो कई तरह के प्रयास भी करता है लेकिन जीवन में तरक्की और खुशियां प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता है। कर्म करने के साथ भाग्य का साथ देना भी बहुत जरूरी होता है। ज्यातिष में आटे के कुछ ऐसे ही बहुत आसान से उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 14 मई, शुक्रवार को है। भगवान परशुराम का जन्म त्रेता युग में ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था।
ज्योतिष शास्त्र में अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ तिथि माना गया है। इस बार ये तिथि 14 मई, शुक्रवार को है। इस दिन सोना खरीदने का विशेष महत्व है।