इस बार 25 अक्टूबर को धनतेरस और 27 अक्टूबर को दीपावली है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन दोनों में किए गए दान, हवन, पूजन का फल शीघ्र मिलता है।
यदि कोई इंसान बिना लगाव के सत्वता हासिल कर लेता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जन्म और मृत्यु के चक्र से बाहर निकल जाता है।
दिवाली (27 अक्टूबर) पर माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। दीपावली व माता लक्ष्मी से जुड़ी अनेक मान्यताएं व परंपराएं हमारे देश में प्रचलित हैं।
इस बार 27 अक्टूबर, रविवार को दीपावली है। इस दिन मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति और आरतियों की रचना की गई है।
कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली ( इस बार 27 अक्टूबर) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
इस बार 22 अक्टूबर को मंगल पुष्य का शुभ योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में किया गया कोई भी उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान करता है।
दीपावली के 4 दिन पहले सोम व मंगल पुष्य नक्षत्र 23 घंटे 6 मिनिट तक रहेगा। इस दौरान अनेक विशेष संयोग भी बनेंगे।
कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 अक्टूबर, रविवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये दिन लक्ष्मी कृपा पाने के लिए बहुत ही शुभ है, क्योंकि इस दिन किए गए उपाय, टोटके आदि का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण अष्टमी को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 21 अक्टूबर, सोमवार को है।
इस बार 21 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र होने से सोम पुष्य का शुभ योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये नक्षत्र शुभ फल देने वाला माना गया है।