कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 17 अक्टूबर, गुरुवार को है।
जब भगवान कृष्ण एक व्यक्ति के रूप में धरती पर उतरते हैं, तो नादान लोग उन्हें पहचानने में असमर्थ होते हैं। वे उनकी दिव्यता से अनजान हैं। वे इस बात से भी अनजान हैं कि वह सभी प्राणियों के सर्वोच्च भगवान हैं।
इस बार 14 अक्टूबर, सोमवार से कार्तिक मास शुरू हो गया है, जो 12 नवंबर, मंगलवार तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है।
आजकल भले ही कान छिदवाना एक फैशन बन गया है, लेकिन प्राचीन समय में सभी लोगों के लिए अनिवार्य हुआ करता था।
भगवान के दर्शन मात्र से ही कई जन्मों के पापों का प्रभाव नष्ट हो जाता है। इसी वजह से घर में भी देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने की परंपरा है।
हमारे ग्रंथों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक बातें बताई गई हैं, जिनके बारे में सभी लोग नहीं जानते।
हिंदू धर्म में शकुन-अपशुकन की मान्यता सदियों से चली आ रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये मान्यता हमारे आस-पास रहने वाले पशु-पक्षियों से भी जुड़ी हुई है।
भोजन में उपयोग की जाने वाली हल्दी के बारे में हम सभी जानते हैं। हल्दी की एक प्रजाति ऐसी भी है, जिसका उपयोग ज्योतिषीय उपायों में किया जाता है, वह है काली हल्दी।
हिंदू धर्म में हर पर्व व व्रत के साथ कई परंपराएं देखने को मिलती हैं। इनमें से कुछ परंपराओं का वैज्ञानिक पक्ष होता है, कुछ का धार्मिक तो कई परंपराओं का मनोवैज्ञानिक पक्ष भी होता है।