सार
Palmistry: हर व्यक्ति की हथेली पर कईं तरह की रेखाएं होती हैं। इनमें से एक है मस्तिष्क रेखा। ये रेखा हथेली की तीसरी सबसे बड़ी रेखा होता है। इस रेखा के हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है।
Mastishak Rekha In Palmistry: हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी रेखा के बारे में बताया गया है। हथेली में जो तीन सबसे बड़ी रेखा होती है, उनमें से एक होती है मस्तिष्क रेखा। ये रेखा हथेली के बीचों-बीच होती है। ये रेखा अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच से निकलते हुए सीधे आगे बढ़ती है। कुछ विद्वान इसे मातृ रेखा या मस्तक रेखा भी कहते हैं। आगे जानिए मस्तिष्क रेखा से जुड़ी खास बातें…
शाखा युक्ता यदा न प्रभवति जननि भग्नरूपा च मर्त्य:।
सन्मेधावान् विचार स भवति निपुणो मानसी शक्तिमाप्त:।।
अर्थ- जिस व्यक्ति की हथेली में मस्तिष्क रेखा साफ स्पष्ट और लंबी दिखाई देती है, उसका मानसिक शक्ति बहुत अधिक होती है। ऐसे लोग बहुत आसानी से किसी को भी प्रभावित कर लेते हैं। इनकी विल पॉवर मजबूत होती है। ऐसे लोग पढ़ने लिखने में अव्वल होते हैं और सरकारी नौकरी में बड़े पद पर होते हैं। इनकी फैमिली लाइफ खुशहाल रहती है।
क्षुद्रासमेता जननी सुरेखा स्वल्या गभीरा समुपैति पैत्रीम्।
मातु: सुमानं मनुज: करोति तन्मानतरस्याद्रुधिरप्रपाती।।
अर्थ- जिन लोगों की हथेली में मस्तिष्क रेखा जगह-जगह से टूटी हुई होती है, ऐसे लोगों की विल पॉवर कमजोर होती है। इनकी सेहत भी बार-बार बिगड़ती रहती है। इनका अपनी माता के प्रति विशेष प्रेम रहता है। ऐसे लोग कठोर ह्रदय होते हैं। जब इन्हें क्रोध आता है तो ये भले-बुरे का विचार नहीं करते।
मातुस्सुरेखा यदि नीचदेशे समान भावेन नतोभयत्र।
मानेन युक्तो मनुजस्तदा स्यात्पदाधिकारी जनवल्लभश्च।।
अर्थ- यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मस्तिष्क रेखा गुरु पर्वत की ओर ज्यादा उठी हुई हो तो ऐसे लोग जीवन में तरक्की प्राप्त करते हैं। ये काफी महत्वकांक्षी भी होते हैं और कला के क्षेत्र में नाम कमाते हैं। धर्म-कर्म में भी इनकी विशेष रुचि होती है। ये पढ़ाई-लिखाई में आगे रहते हैं और दूसरों को भी शिक्षित करते हैं।
मातू रेखे यदा द्वे कमकमलागते स्यात्तु मर्त्यो दयालु:।
जीवार्क स्थानामुच्चैमृर्दुलतर करावुक्त दोषान्तकौ तौ।
क्रूरो वा सद्विचारं वितरति सततं लक्षणज्ञा: वदन्ति।
अर्थ- जिस व्यक्ति की हथेली में मस्तिष्क रेखा दो होती है, ऐसे लोग क्रूर स्वभाव के होते हैं। इनकी किस्मत बहुत खराब होती है। ये कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते, इसलिए परिवार में इनकी कोई पूछ-परख नहीं होती। ऐसे लोग गलत संगत में पढ़कर नशे के आदि हो जाते हैं और परिवार के लिए दुख का कारण बनते हैं। इन्हें कईं बार जेल भी जाना पड़ता है। इनका वैवाहिक जीवन भी दुखी रहता है। ये अपने जीवन में कभी कुछ उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पाते।
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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।