सार

Makar Sankranti 2025: हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस बार मकर संक्रांति पर पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस शुभ योग में किए गए उपाय किसी की भी किस्मत चमका सकते हैं।

 

Makar Sankranti 2025 Upay: 14 जनवरी, मंगलवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति पर पुष्य नक्षत्र दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन सुस्थिर और वर्धमान नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इन शुभ योगो में मकर संक्रांति पर किए गए उपाय किसी की भी किस्मत चमका सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…

मकर संक्रांति पर कैसे करें पूजा? जानें मंत्र-मुहूर्त

मकर संक्रांति पर कौन-सा उपाय करें?

मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और तांबे के लोटे से सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। इस पानी में लाल फूल, कुमकुम और थोड़े से चावल भी डाल दें। जल चढ़ाते समय मन ही मन में ऊं सूर्याय नम: मंत्र भी बोलते रहें। ये उपाय किसी की भी सोई किस्मत जगा सकता है।

मकर संक्रांति पर किन चीजों का दान करें?

मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य से संबंधित चीजें जैसे गेंहू, गुड़-तिल, घी, लाल कपड़े, कंबल, गर्म कपड़े आदि का दान करना बहुत ही शुभ रहता है। इन चीजों का दान आपकी लाइफ में पॉजिटिव चेंज ला सकता है और भाग्योदय भी कर सकता है।

मकर संक्रांति पर नदी में क्या प्रवाहित करें?

मकर संक्रांति पर नदी में तांबे का सिक्का, गुड़, कच्चे चावल प्रवाहित करना चाहिए। ये सभी चीजें सूर्य से संबंधित हैं। ऐसा करने से कुंडली में स्थित सूर्य के दोषों में कमी आती है और बुरे दिन दूर होते हैं। ये किस्मत चमकाने का सबसे आसान उपाय है, जो कोई भी कर सकता है।

मकर संक्रांति पर किन मंत्रों का जाप करें?

मकर संक्रांति पर रुद्राक्ष की माला से नीचे लिखे किसी एक मंत्र का जाप करें। इससे भी आपको किस्मत का साथ मिलेगा।
- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
- ऊं सूर्याय नम:
- ऊं घृणि सूर्याय नम:

आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें

मकर संक्रांति पर सुबह स्नान आदि करने के बाद आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। इसी स्त्रोत का पाठ कर भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इस उपाय से आप हर संकट से आसानी से निपट सकते हैं और इससे आपको भाग्य का साथ भी मिलेगा।


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