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Shani Jayanti 2023: शनिदेव क्यों चढ़ाते हैं तेल, इनकी पूजा में काले रंग की चीजें ही क्यों चढ़ाई जाती हैं?
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जानें शनिदेव से जुड़ी परंपराएं...
पूरे देश में 19 मई, शुक्रवार को शनि जयंती का पर्व बड़े ही धूम-धाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन शनि मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। (Shani Jayanti 2023) शनिदेव की पूजा में कुछ चीजें विशेष रूप से चढ़ाई जाती हैं, जैसे तेल, काली उड़द, काले तिल आदि। शनिदेव को ये चीजें क्यों चढ़ाई जाती हैं, इसके पीछे भी कई धार्मिक और ज्योतिषी कारण छिपे हैं। शनि जयंती के मौके पर जानें इन परंपराओं के पीछे छिपे कारण…
शनिदेव को क्यों चढ़ाते हैं तेल? (Shanidev ko Tail Kyo Chadate hai)
शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा के पीछे एक कथा है। उसके अनुसार, एक बार शनिदेव घमंड में आकर हनुमानजी से युद्ध करने चले गए। हनुमानजी श्रीराम की भक्ति में लीन थे। शनिदेव ने उन्हें युद्ध करने को कहा। हनुमानजी ने शनिदेव को बहुत समझाया कि वो युद्ध नहीं करना चाहते। लेकिन शनिदेव नहीं माने। तब क्रोधित होकर हनुमानजी भी युद्ध करने लगे। हनुमानजी ने अपना पराक्रम से शनिदेव को हरा दिया। हनुमानजी की गदा से मार खाकर शनिदेव का शरीर दुखने लगा। तब हनुमानजी ने ही उन्हें तेल लगाने को दिया, जिससे उन्हें आराम मिला। तभी से शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
शनि की कृपा के लिए जूते-चप्पल क्यों छोड़ते हैं?
देखने में आता है कि जब कोई व्यक्ति शनि मंदिर में जाता है तो अपने जूते-चप्पल वहीं छोड़ आता है। इसके पीछे ज्योतिषिय कारण छिपा है। उसके अनुसार, शनि पैरों का कारक है यानी पैरों से संबंधित रोग और परेशानी शनि के कारण ही होती है। जब किसी पर शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव होता है तो इसके अशुभ परिणाम से बचने के लिए शनि मंदिर में जाकर पुराने जूते-चप्पल छोड़ दिए जाते हैं।
शनिदेव को क्यों चढ़ाते हैं काली सामग्री (Shanidev ko Kyo Chadate hai kali cheeje)
शनिदेव की पूजा में मुख्य रूप से काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा आदि काली चीजें चढ़ाई जाती हैं। इसके पीछे भी धार्मिक कारण छिपा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार शनिदेव का रंग काला है, इसलिए उन्हें काले रंग की चीजें विशेष रूप से पसंद हैं। कालांतर में शनिदेव को काली चीजें चढ़ाने की परंपरा बन गई जो आज तक कायम है।
शनि की पूजा में नीले फूल ही क्यों?
वैसे तो शनिदेव की पूजा में कोई भी फूल चढ़ाया जा सकता है, लेकिन नीले फूल जैसे अपराजिता आदि विशेष रूप से चढ़ाएं जाते हैं। इसके पीछे भी धार्मिक कारण है। जिस तरह शनिदेव की पूजा में काली चीजें चढ़ाई जाती हैं उसी तरह नीला रंग भी इससे मिलत-जुलता है। काले रंग का फूल न होने के कारण शनिदेव को नीले रंग के फूल विशेष रूप से चढ़ाने की परंपरा है।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।