सार
Sita Navami 2023: इस बार सीता नवमी का पर्व 29 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर देवी सीता भूमि से प्रकट हुई थीं। देवी सीता से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो आम लोग नहीं जानते।
उज्जैन. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 29 अप्रैल, शनिवार को है यानी इसी दिन सीता नवमी (Sita Navami 2023) का पर्व मनाया जाएगा। देवी सीता लक्ष्मी का ही अवतार थीं। देवी सीता के जन्म का विवरण वाल्मीकि रामायण में बताया गया है। वेदों में भी देवी सीता का वर्णन कई स्थानों पर मिलता है। आगे जानिए देवी सीता से जुड़ी रोचक बातें…
कृषि की देवी हैं देवी सीता
ऋग्वेद में देवी सीता का वर्णन मिलता है, उसमें देवी सीता को कृषि की देवी माना है। पृथ्वी से प्रकट होने के कारण ही ऐसा कहा गया है। इस वेद में कृषि के देवताओं की प्रार्थना के लिए लिखे गए सूक्त में वायु, इंद्र आदि के साथ सीता की भी स्तुति की गई है। काठक ग्राह्यसूत्र में भी देवी सीता के नाम का उल्लेख मिलता है।
पूर्व जन्म में कौन थी सीता?
वाल्मीकि रामायण में देवी सीता के पूर्वजन्म का वर्णन भी मिलता है। उसके अनुसार पूर्व जन्म में देवी सीता एक ब्राह्मण पुत्री थीं, उनका नाम वेदवती था। एक बार जब वेदवती भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी, उसी समय रावण वहां से गुजरा। वेदवती को देखकर रावण उन पर मोहित हो गया और अपने साथ लंका ले जाने लगा। क्रोधित होकर वेदवती ने रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी, इतना कहकर वह अग्नि में समा गई।
किसने दिए थे कपड़े और आभूषण?
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब श्रीराम, सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष के वनवास पर निकले तो घूमते-घूमते एक दिन वे ऋषि अत्रि के आश्रम में पहुंचें। वहां ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी अनुसुइया ने उनका बहुत आदर-सत्कार किया। सती अनुसूइया ने ही देवी सीता को दिव्य वस्त्र और आभूषण दिए जो कभी मलिन यानी मैले नही होते थे।
विवाह के समय कितनी थी सीता की उम्र?
रामचरित मानस में लिखा है कि-
वर्ष अठ्ठारह की सिया, सत्ताईस के राम।।
कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम।।
इस दोहे के आधार पर ये कहा जा सकता है कि विवाह के समय सीता की उम्र 18 साल और श्रीराम की आयु 27 वर्ष थी। यानी इन दोनों की उम्र में 9 वर्ष का अंतर था।
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