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Surya Grahan: 1 या 2, साल 2026 में कितने सूर्य ग्रहण होंगे, क्या ये भारत में दिखाई देंगे?
Surya Grahan: साल 2026 में कितने ग्रहण होंगे और क्या ये भारत में दिखाई देंगे, अगर भारत में दिखाए देंगे तो इसका समय और सूतक काल कब से कब तक रहेगा? ये जानने की इच्छा सभी के मन हैं। आगे जानिए इस सवालों के जवाब।

जानें सूर्य ग्रहण 2026 की डिटेल
Surya Grahan 2026 Date: 21 सितंबर को साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका ज्योतिष और धार्मिक महत्व नहीं माना जाएगा। सूर्य ग्रहण हमेशा से ही लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय रहा है। सूर्य ग्रहण कब होगा और इसका समय क्या रहेगा, ये कहां दिखाई देगा, कहां नहीं? इस बारे में हर कोई जानना चाहता है। आगे जानिए आने वाले साल यानी 2026 में कितने सूर्य ग्रहण होंगे और ये भारत में दिखाई देंगे या नहीं…
2026 का पहला सूर्य ग्रहण कब होगा?
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी, मंगलवार को होगा। इस दिन फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि रहेगी। यानी ये सूर्य ग्रहण महाशिवरात्रि के ठीक अगले दिन होगा। लेकिन भारत में ये ग्रहण कहीं भी दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका कोई भी धार्मिक महत्व जैसे सूतक आदि नहीं माना जाएगा। जिन देशों में ये सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, सिर्फ वहीं इसकी मान्यता रहेगी।
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2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण कब होगा?
साल 2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त, बुधवार को होगा। इस दिन श्रावण मास की अमावस्या रहेगी और हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। खास बात ये है कि ये सूर्य ग्रहण भी भारत में कहीं दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं रहेगा। इस तरह साल 2026 में 2 सूर्य ग्रहण का संयोग बनेगा लेकिन ये दोनों ही भारत में दिखाई नहीं देंगे।
क्यों होता है सूर्य ग्रहण?
विज्ञान के अनुसार, पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी का। इस दौरान कईं बार ऐसी स्थिति बन जाती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाते हैं। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो कुछ देर के लिए सूर्य का अधिकांश भाग ढंक जाता है यानी पृथ्वी से सीधे दिखाई नहीं देता। इसके कारण सूर्य का प्रकाश भी पृथ्वी तक कम पहुंच पाता है। इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
कितनी तरह का होता है सूर्य ग्रहण?
वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है, पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण। ये तीनों सूर्य ग्रहण ग्रहों की विशेष परिस्थितियों में निर्मित होते हैं। इनका महत्व भी अलग-अलग है। पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति बहुत कम बार बनती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।