Unique Temple: हमारे देश में भगवान श्रीकृष्ण के अनेक प्रसिद्ध और रहस्यमयी मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर कर्नाटक के मैसूर में भी है। खास बात ये है कि ये मंदिर लगभग 70 साल तक मंदिर में डूबा रहा लेकिन आज भी सुरक्षित है।

Venugopal Temple Mysore Karnataka: कर्नाटक के मैसूर में वैसे तो कईं प्रसिद्ध मंदिर हैं लेकिन इन सभी में वेणुगोपाल मंदिर सबसे खास है। वेणुगोपाल भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी बजाते हुए स्वरूप को कहा जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर में आज भी भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की गूंज सुनाई देती है। ऐसा अनेक लोगों ने अनुभव किया है। ये आवाज कहां से आती है इसके बारे में कोई नहीं जानता। इसलिए इसे मंदिर को रहस्यमयी मंदिर भी कहा जाता है। आगे जानिए क्यों खास है ये मंदिर…

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70 साल पानी में डूबा रहा ये मंदिर

भगवान वेणुगोपाल के ये प्राचीन मंदिर किसी समय मैसूर के कन्नमबड़ी गाँव में स्थित था, जिसका निर्माण होयसल वंश द्वारा 12वीं शताब्दी में करवाया गया था। लेकिन केआरएस बांध के बनने से ये मंदिर जलमग्न हो गया। लगभग 70 साल तक ये मंदिर पानी में ही डूबा रहा। पानी की स्तर कम होने पर जब ये दोबारा नजर आया तो मैसूर के राजा, कृष्णराज वाडियार चतुर्थ ने इसे नए स्थान पर स्थापित कर दिया, जिसका नाम उन्होंने हौसा कन्नमबाड़ी रखा। साथ ही यहां स्थापित भगवान वेणुगोपाल की प्रतिमा को भी नए मंदिर में स्थापित कर दिया।

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नए मंदिर में सुनाई देती है बांसुरी की आवाज

मंदिर में स्थापित भगवान वेणुगोपाल की प्रतिमा बहुत ही चमत्कारी मानी जाती है। इसलिए दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। बहुत से लोगों ने यहां भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की आवाज सुनने का दावा किया है मगर आज तक कोई इस रहस्य को सुलझा नहीं पाया है। कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को सच्चे मन में याद करने वालों भक्तों को ही बांसुरी की आवाज सुनाई देती है।

हो रहा मंदिर का विस्तार

सालों बाद हौसा कन्नमबाड़ी स्थित वेणुगोपाला मंदिर का पुनर्निर्माण साल 2003 में शुरू किया गया, जो 2011 में जाकर पूरा हुआ। वर्तमान में जो मंदिर यहां दिखाई देता है वो बहुत ही भव्य और सुंदर है। मंदिर की छतों, स्तंभों और दीवारों पर सुंदर नक्काशीदार आकृतियां देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। मंदिर के चारों तरफ छोटे मंडप और बगीचे दिखाई देते हैं, जिससे इनकी सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाती है।


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