Raksha Bandhan 2025 Date: हमारे देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां रक्षा बंधन पर भाई-बहन यमराज के दर्शन करने जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहन के बीच प्रेम हमेशा बना रहता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
Yamraj Temple Mathura: इस बार रक्षा बंधन का पर्व 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उम्र भर रक्षा का वचन देते हैं। हमारे देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां रक्षा बंधन पर भाई-बहन खास तौर पर यमराज और उनकी बहन के दर्शन करने जाते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कईं मान्यताएं प्रचलित हैं। जानें कहां है यमराज और उनकी बहन का ये मंदिर और क्या है इसकी मान्यता…
कहां है यमराज और यमुना का मंदिर?
मथुरा में यमुना नदी के किनारे विश्राम घाट पर ये मंदिर स्थित है। यहां यमराज के साथ उनकी बहन यमुना की प्रतिमा स्थापित है। संभवतया यमराज और उनका बहन का ये एकमात्र मंदिर है। रक्षा बंधन पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। खासतौर पर भाई-बहन यहां दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहन का बीच संबंधों में मधुरता बनी रहती है।
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भगवान श्रीकृष्ण ने भी की थी पूजा
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण जब पहली बार मथुरा आए तो कंस ने उन्हें मारने के लिए अनेक प्रयास किए लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। मौका पाकर श्रीकृष्ण ने ही कंस का वध कर दिया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कुछ देर यमुना के किनारे विश्राम किया। इसलिए इस घाट का नाम विश्राम घाट है। साथ ही भगवान ने इस मंदिर में आकर यमराज और उनकी बहन यमुना की पूजा भी की। इसी बात से पता चलता है कि ये मंदिर कितना प्राचीन है।
यहां दर्शन से नहीं रहता अकाल मृत्यु का भय
मान्यता है कि प्राचीन समय में यमराज जब अपनी बहन यमुना से मिलने धरती पर आए तो यमुना ने अपना तिलक किया और अपने हाथों से भोजन बनाकर खिलाया। उसी दिन ये भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। इसलिए आज भी हर भाई दूज पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी है जो भी इस मंदिर में यमराज और यमुना के दर्शन करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होता।
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