सार
Vaishakh Maas 2024: स्कंद पुराण के अनुसार, सतयुग के समान कोई दूसरा युग नहीं, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं, गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं और वैशाख के समान कोई महीना नहीं है।
Vaishakh Maas 2024: स्कंद पुराण में ब्रह्मदेव ने वैशाख मास को सभी मासों में श्रेष्ठ बताया है। जैसे विद्याओं में वेद विद्या, वृक्षों में कल्पवृक्ष, धेनुओं में कामधेनु, देवताओं में विष्णु, वर्णों में ब्राह्मण, नदियों में गंगा, अस्त्र-शास्त्रों में चक्र, वैष्णवों में शिव तथा रत्नों में कौस्तुभमणि है, उसी प्रकार महीनों में वैशाख मास सबसे उत्तम है। संसार में इसके समान भगवान विष्णु को प्रसन्न करनेवाला दूसरा कोई मास नहीं है।
ये 3 दिन हैं बहुत पवित्र
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के अंतिम 3 दिन यानी त्रयोदशी से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियां बड़ी पवित्र और शुभ होती हैं। इनका नाम 'पुष्करिणी' हैं, ये सब पापों का नाश करने वाली हैं। ये तिथियां 21 या 23 मई तक रहेंगी। जो व्यक्ति वैशाख मास में स्नान, व्रत, नियम आदि करने में असमर्थ हो, वह यदि इन 3 तिथियों में ये काम करे तो उसे पूरे वैशाख मास का फल मिलता है।
इन 3 दिन में करें ये काम
जो व्यक्ति वैशाख मास के अंतिम 3 दिन 'गीता' का पाठ करता है, उसे प्रतिदिन अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। जो इन तीनों दिन 'श्रीविष्णुसहस्रनाम' का पाठ करता है, उसके पुण्यफल का वर्णन करने में तो इस भूलोक व स्वर्गलोक में कौन समर्थ है। अर्थात् वह महापुण्यवान हो जाता है। वय्क्ति इन 3 दिनों में 'भागवत' का पाठ सुनता है वह जल में कमल के पत्तों की भांति कभी पापों में लिप्त नहीं होता |
किस दिन कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा?
स्कंद पुराण में वैशाख के जो अंतिम 3 तिथियां बताई गई हैं, इन तीनों ही तिथियों पर विशेष व्रत-पूजा का विधान है। 21 मई को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस दिन नरसिंह चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। 22 मई, बुधवार को वैशाख मास की व्रत पूर्णिमा रहेगी। इसके अगले दिन यानी 23 मई, गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
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