सार
Visakhapatnam Rath Yatra: उत्कल समाज द्वारा हर साल की तरह इस साल भी विशाखापत्तनम में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा 20 जून, मंगलवार से शुरू होगी। इसके लिए उत्कल समाज द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उज्जैन. उड़ीसा स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से हर साल विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है। इसी परंपरा का पालन देश में और भी कई स्थानों पर किया जाता है। आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम (Visakhapatnam Rath Yatra) में भी उत्कल संस्कृत समाज (Utkal Sanskrit Samaj) द्वारा हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। इसे देखने के लिए भी काफी संख्या में भक्त यहां आते हैं। इस भी ये रथयात्रा निकाली जाएगी।
उत्कल संस्कृत समाज के अध्यक्ष जेके नायक और जीएस विमल कुमार महंता ने बताया कि इस साल भी परंपरा अनुसार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बड़ी ही धूमधाम के साथ निकाली जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आषाढ़ शुक्ल द्वितिया तिथि यानी 20 जून, मंगलवार को रथयात्रा शुरू होगी जो 28 जून को पुन: लौटेगी।
यहां से शुरू होगी रथयात्रा
उत्कल संस्कृत समाज के अध्यक्ष जेके नायक के अनुसार, रथयात्रा विशाखापत्तनम के वाल्टेयर अपलैंड्स में ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के पास स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से शुरू होगी। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ भी शामिल रहेंगे। रथयात्रा अपने तय स्थान अप्पू घर के पास लॉसन बे कॉलोनी में गुंडिचा मंदिर पहुंचेगी। भगवान जगन्नाथ कुछ दिनों तक यहीं विश्राम करेंगे और 28 जून को रथयात्रा पुन: मंदिर परिसर में लौट आएगी।
भक्तों द्वारा खींचा जाएगा रथ
उत्कल संस्कृत समाज के अध्यक्ष जेके नायक ने बताया कि 19 जून, सोमवार को 14 दिन के बाद भगवान जगन्नाथ दर्शन देंगे जिसे तुलसी बेशा के नाम से जाना जाता है। मंगलवार को देव प्रतिमाओं को गर्भगृह से निकालकर रथ पर बैठाया जाएगा। छेरा पन्हारा नाम के जिस रथ पर भगवान की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, भक्तों द्वारा खींचा जाएगा।
बहुड़ा यात्रा 28 जून को
गुंडिचा मंदिर यानी अपने मौसी के घर में कुछ दिन रुकने के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ पुन: मंदिर में लौटेंगे, जिसे बहुड़ा यात्रा कहा जाता है। ये यात्रा 28 जून को अपने तय मार्ग से निकलेगी।
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