सार
Rudraksh: भगवान शिव के स्वरूप से अनेक चीजें जुड़ी हुई हैं, रुद्राक्ष भी इनमें से एक है। पिछले कुछ दिनों से रुद्राक्ष काफी चर्चाओं में बना हुआ है। ऐसा कहते हैं कि रुद्राक्ष पहनने से कई तरह की परेशानियां अपने आप ही दूर हो जाती हैं।
उज्जैन. रुद्राक्ष (Rudraksh) का अर्थ है रुद्र अक्ष यानी शिवजी की आंसू। रुद्राक्ष से जुड़ी कई कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती हैं। बिना रुद्राक्ष के शिवजी का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। पिछले कुछ समय से रुद्राक्ष काफी चर्चाओं में है। शिवमहापुराण में भी रुद्राक्ष के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। मान्यता है कि इसे पहनने से कई तरह के फायदे होते हैं परेशानियां अपने आप दूर होने लगती हैं। (Rudraksh Wearing Rules) उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने कई नियम हैं। इन नियमों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, नहीं तो शुभ फल प्राप्त नहीं होते। आगे जानिए रुद्राक्ष पहनते समय किन-किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए…
1. रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी योग्य विद्वान की सलाह जरूर लें क्योंकि रुद्राक्ष की कई प्रकार होते हैं। कौन-सा रुद्राक्ष आपके लिए सही रहेगा, ये तो विद्वान ही बता सकता है।
2. रुद्राक्ष को वैसे तो केवल धागे में माला की तरह पिरोकर भी पहना जा सकता है, लेकिन आप चाहें तो इसे चांदी या सोने में जड़वाकर भी पहन सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि माला 27 मनकों से कम की नहीं होनी चाहिए।
3. रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है, इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें। रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए।
4. रुद्राक्ष की माला पहनकर तामसिक भोजन (मांसाहार) न करें और न ही स्त्री गमन करें। इससे दोष लगता है। शराब आदि नशीली चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। नहीं तो भविष्य में इसके बुरे परिणाम हो सकता हैं।
5. रुद्राक्ष लेते समय ध्यान से देखें कि वो कहीं से खंडित न हो, टूटा-फूटा रुद्राक्ष आपका नुकसान करवा सकता है। स्वयं का पहना हुआ रूद्राक्ष भी कभी किसी दूसरे को पहनने के लिए नहीं देना चाहिए।
6. रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसका शुद्धिकरण जरूर करना चाहिए। ये काम कैसे करें इसके बारे में अपने गुरु और किसी योग्य विद्वान से सलाह लेनी चाहिए।
7. शिवमहापुराण में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं। साथ ही इनके आकार के बारे में बताया गया है। रुद्राक्ष पहनते समय इन बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।
8. यदि आप रूद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या यानी 3, 5 के क्रम में होनी चाहिए।
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