सार
Diwali 2024: देवी लक्ष्मी की एक बहन भी है, जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है। खास बात ये है कि देवी लक्ष्मी की ये बहन मालामाल को भी कंगाल बना देती हैं। इसलिए कोई इनकी पूजा नहीं करता।
Koun Hai Devi Alakshmi: हर साल दिवाली पर सुख-समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस बार दीपावली 31 अक्टूबर, गुरुवार को है। बहुत कम लोगों को पता है कि देवी लक्ष्मी की एक बहन भी है जिनका नाम अलक्ष्मी है। जिन घरों में साफ-सफाई नहीं होती, गंदगी बनी रहती है और विवाद होते हैं उन घरों में अलक्ष्मी निवास करती है। देवी लक्ष्मी कौन हैं, इनकी पूजा क्यों नहीं की जाती, आगे जानिए इनके बारे में…
कौन हैं देवी अलक्ष्मी?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, जब समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं तो इनसे ठीक पहले देवी अलक्ष्मी भी निकलीं। चूंकि ये नकारात्मक शक्ति थीं, इसलिए इन्हें न तो देवताओं ने ग्रहण किया और न ही असुरों ने। इन्हें 14 रत्नों में भी नहीं गिना जाता। अलक्ष्मी नाम से ही पता लगता है कि ये देवी धनवान को भी कंगाल बना सकती हैं, इसलिए इनकी कोई पूजा भी नहीं करता।
कैसी दिखाई देती हैं देवी अलक्ष्मी?
ग्रंथों के अनुसार, देवी अलक्ष्मी वृद्ध हैं।इनके बाल पीले, आंखें लाल और मुंह काला है। पद्मपुराण के इनका वर्णन मिलता है, उसके अनुसार इनका विवाह उद्दालक ऋषि से हुआ था। पति द्वारा छोड़ दिए जाने के कारण ये पीपल के पेड़ के नीचे निवास करने लगीं। ऐसी मान्यता है कि हर शनिवार को देवी लक्ष्मी इनसे मिलने पीपल के वृक्ष पर आती हैं।
कहां रहती हैं देवी अलक्ष्मी?
- पद्म पुराण के अनुसार, जिस घर में मांस पकाया जाता है और स्त्रियां अपने बाल खुले रखती हैं, उन घरों में देवी अलक्ष्मी का वास होता है।
- जो लोग कठोर और झूठ बोलते हैं। बात-बात पर विवाद करते हैं। उनके घरों में भी हमेशा देवी अलक्ष्मी का निवास होता है।
- जिन घरों में साफ-सफाई नहीं होती, हमेशा गंदगी रहती है, जहां अधर्म का काम होता है, वहां भी देवी अलक्ष्मी का निवास माना गया है।
- जिन घरों में रहने वाले लोग गंदे कपड़े पहनते हैं और स्नान आदि नहीं करते, वहां भी हमेशा देवी अलक्ष्मी का वास होता है।
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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।