Janmashtami 2025 Date: भगवान श्रीकृष्ण का पूरा जीवन ही हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उनके जीवन से हम लाइफ मैनेजमेंट की अनेक टिप्स सीख सकते हैं, जो मुश्किल समय में हमारे लिए बहुत काम आ सकती हैं।

Kab Hai Janmashtami 2025: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसे जन्माष्टमी कहते हैं। इस बार ये पर्व 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने जीवन में जिन परिस्थितियों का सामना बुद्धिमत्ता और चतुराई से किया, उससे हम कईं लाइफ मैनेजमेंट टिप्स सीख सकते हैं। ये टिप्स बुरे समय में हमारे बहुत काम आ सकती हैं। आगे जानिए भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी 20 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स…

1. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कंस के कारागार में हुआ। यहां से वसुदेव उन्हें नंदगांव ले गए, वहीं उनका पालन-पोषण हुआ। इस घटना से ये सीखें कि जब किसी स्थान पर परिस्थिति हमारे अनुकूल न हो तो उसे छोड़ना ही बेहतर होता है।

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2. लक्ष्य बड़ा हो तो टीम एफर्ट का उपयोग करें। ये बात भी श्रीकृष्ण ने हम सीख सकते हैं क्योंकि जब कान्हा को मक्खन खाना होता था तो वे अपने साथियों की मदद भी लेते थे।

3. नंदगांव में श्रीकृष्ण के अनेक दोस्त थे, उनमें से कुछ गरीब परिवार से भी थे लेकिन कान्हा ने उनसे भी उतना ही प्रेम करते थे जितना अन्य दोस्तों से। इस बात से सीखें कि हमें जाति या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए।

4. श्रीकृष्ण को बचपन में माखन बहुत प्रिय था। इस बात सीखें कि बाल्यावस्था में हमें पौष्टिक आहार खाना चाहिए। जिससे की हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण मिल सके।

5. कान्हा को बचपन से ही बांसुरी बजाने का शौक था। ये बात हमें सीखाती है कि बच्चों को खेल-कूद और पढ़ाई के साथ-साथ ललित कलाओं में भी रुचि रखनी चाहिए।

6. सफलता को शेयर करने का गुण भी श्रीकृष्ण से सीखें क्योंकि मटकी से माखन चुराने के बाद कान्हा अकेले इसे नहीं खाते थे बल्कि सभी को बाटंते भी थे।

7. श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल में ही अनेक राक्षसों का वध किया यानी विषम परिस्थिति में फंसने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।

8. जब जरासंध बार-बार मथुरा पर आक्रमण करने लगा तो इससे वहां रहने वाले लोगों को परेशानी होने लगी। अपनी प्रजा के लिए श्रीकृष्ण ने मथुरा को छोड़ द्वारिका बसाई। इसे बात से सीखें कि अपने लोगों के लिए समझौता करने में कोई बुराई नहीं है।

9. जब श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया तो इसके बाद वे स्वयं मथुरा के राजा बन सकते थे लेकिन उन्होंने अपने नाना उग्रसेन का राजा बनाया। इस बात से सीखें कि जो जिसका है उसे वो लौटा देना चाहिए।

10. महाभारत युद्ध के दौरान कौरवों की सेना पांडवों से अधिक थी। इसके बाद भी श्रीकृष्ण ने अपनी नीतियों से पांडवों को जीत दिलाई। इस बात सीखें कि अगर सही नीति से काम किया जाए तो मुश्किल लक्ष्य भी पाया जा सकता है।

11. दोस्तों को कभी न भुलाएं। जब सुदामा द्वारिका आए तो श्रीकृष्ण ने खुले दिल से उनका स्वागत किया और उनकी दरिद्रता भी दूर की।

12. अपना वचन से पीछे न हटें। श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को रक्षा की वचन दिया था। अपने इस वचन का पालन उन्होंने चीरहरण के दौरान किया।

13. हमेशा सत्य का साथ दें, चाहे किसी भी परिस्थिति हो। ये भी भी श्रीकृष्ण से सीखनी चाहिए क्योंकि उन्होंने कभी पांडवों का साथ नहीं छोड़ा।

14. गुरु का सदैव सम्मान करें। श्रीकृष्ण ने अपने गुरु सांदीपनि से मात्र 64 दिनों में ही 64 कलाएं सीख ली थी। वे गुरु के आदेश पर यमराज से भी भिड़ने के तैयार हो गए थे।

15. शांति के लिए हर संभव प्रयास करें। जब पांडवों और कौरवों में युद्ध होने वाला था, तब श्रीकृष्ण शांति दूत बनकर हस्तिनापुर गए। ये बताने के लिए अंतिम समय तक शांति का मार्ग खुला रहता है।

16. हर काम रणनीति से करें। श्रीकृष्ण ने अपनी रणनीति के बल पर ही भीष्म, द्रोणाचार्य जैसे महारथियों पर विजय पाने का उपाय सूझाया।

17. शरण में आने वाले की रक्षा करें। पांडव हमेशा श्रीकृष्ण को ही अपना सबकुछ मानते थे इसलिए श्रीकृष्ण ने हर समय उनकी रक्षा की।

18. क्षमावान बनें लेकिन कायर नहीं। श्रीकृष्ण ने शिशुपाल के 100 अपराध क्षमा किए लेकिन जैसे उसने 101 अपराध किए, उसका वध कर दिया।

19. ज्ञान जहां से भी मिले, उसे ग्रहण करें। जब भीष्म पितामाह बाणों की शैय्या पर थे तो श्रीकृष्ण के कहने पर ही पांडव उनसे शिक्षा लेने रोज जाते थे और राज्य चलाने से संबंधित गूढ़ रहस्य समझते थे।

20. हर व्यक्ति के लिए कर्म जरूरी है। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देकर गीता का महत्व समझाया कि कर्म तो आपको हर हाल में करना ही होगा।