सार

मनुष्य के दाएं यानी सीधे हाथ में 5 ऐसी जगह होती हैं जो बहुत ही खास होती हैं। धर्म ग्रंथों में इन्हें 5 तीर्थ कहा गया है।

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इन तीर्थों से ही देवताओं, पितृ व ऋषियों को जल चढ़ाया जाता है। जिस प्रकार देवताओं को जल चढ़ाने के लिए दाईं हथेली की ऊंगलियों का अगला हिस्सा तय है, उसी तरह पितरों को जल चढ़ाने के लिए और अन्य कामों के लिए भी हथेली में कुछ विशेष स्थान बताए गए हैं। आप भी जानिए हथेली में कहां हैं 5 तीर्थ...

1. देवतीर्थ
इस तीर्थ का स्थान चारों उंगलियों के ऊपरी हिस्से में होता है। इस तीर्थ से ही देवताओं को जल अर्पित करने का विधान है।

2. पितृतीर्थ
तर्जनी (पहली उंगली) और अंगूठे के बीच के स्थान को पितृतीर्थ कहते हैं। इससे पितरों को जल अर्पित किया जाता है।

3. ब्राह्मतीर्थ
हथेली के निचले हिस्से (मणिबंध) में ब्राह्मतीर्थ होता है। इस तीर्थ से आचमन ( शरीर शुद्धि के लिए पानी पीना) किया जाता है।

4. सौम्यतीर्थ
यह स्थान हथेली के बीचों-बीच होता है। भगवान का प्रसाद व चरणामृत इसी तीर्थ पर लेते हैं व यहीं से ग्रहण भी करते हैं।

5. ऋषितीर्थ
कनिष्ठा (छोटी उंगली) के नीचे वाला हिस्सा ऋषितीर्थ कहलाता है। विवाह के समय हस्तमिलाप इसी स्थान से किया जाता है।